घर पर कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों में गुर्दे की विफलता का 23% अधिक जोखिम-शोध


स्टोरी हाइलाइट्स

नई दिल्ली, 03 सितंबर: कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल गया है। कोरोना वायरस को लेकर हमेशा तरह-तरह के शोध होते रहते हैं। ऐसा शोध अब तक सामने...

घर पर कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों में गुर्दे की विफलता का 23% अधिक जोखिम-शोध कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को अब एक नई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है| नई दिल्ली, 03 सितंबर: कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल गया है। कोरोना वायरस को लेकर हमेशा तरह-तरह के शोध होते रहते हैं। ऐसा शोध अब तक सामने आया है। कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को अब एक नई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है| जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक ऐसे मरीजों की किडनी खराब होने की खबर आ रही है और इसका खुलासा अंतिम चरण में हो रहा है| ये भी पढ़ें..Covid19: डेल्टा के बाद कोरोना के ‘कप्पा वेरिएंट’ ने बढ़ाई चिंता  NBT की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे मामले केवल उन मरीजों में ही सामने नहीं आते हैं जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बीच, यह समस्या उन लोगों में भी देखी जा रही है, जो मरीज के होम आइसोलेशन (पोस्ट COVID19) में रहकर कोविड से ठीक हो चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जर्नल ऑफ द अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी में किडनी का यह असर उन मरीजों में भी देखा गया है, जिन्हें पहले किडनी की कोई समस्या नहीं थी। ऐसे मरीजों में कोविड से किडनी फेल होने का खतरा दोगुना हो जाता है। ये भी पढ़ें..100 % Covid Vaccination में Odisha की राजधानी Bhubaneswar बना देश में नंबर वन | News Puran रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोविड से उबरने वाले हर 10,000 में से 7|8% लोगों को डायलिसिस, किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है। वाशिंगटन विश्वविद्यालय में नैदानिक ​​​​महामारी विज्ञान के निदेशक ज़ियाद अल-अली और उनकी टीम ने अप्रैल में सामने आए रोगी डेटा के आधार पर रिपोर्ट तैयार की। इस शोध के लिए कोविड से ठीक हुए 89 हजार से ज्यादा लोगों की जानकारी जुटाई गई| हमने शोध में पाया कि घर पर ठीक होने वाले कोविड रोगियों में 6 महीने के भीतर किडनी खराब होने का खतरा 23 प्रतिशत बढ़ गया था। ये भी पढ़ें.. Covid-19: भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन बने दुनिया में सबसे अधिक टीकाकरण करने वाले देश