गुरु नानक देव जी के 30 अनमोल सुविचार


स्टोरी हाइलाइट्स

भगवान पर वही विश्वास कर सकता है जिसे खुद पर विश्वास हो यह दुनिया सपने में रचे हुए एक ड्रामे के समान है .भगवान उन्हें ही मिलते है जो प्रेम से भरे हुए है

गुरु नानक देव जी के 30 अनमोल सुविचार : 1. भगवान पर वही विश्वास कर सकता है जिसे खुद पर विश्वास हो 2. यह दुनिया सपने में रचे हुए एक ड्रामे के समान है 3. भगवान उन्हें ही मिलते है जो प्रेम से भरे हुए है 4. सिर्फ वही शब्द बोलना चाहिए जो शब्द हमे सम्मान दिलाते हो 5. बंधुओ ! हम मौत को बुरा नही कहते यदि हम जानते की मरा कैसे जाता है 6. ना मै बच्चा हु, ना एक युवक हु, ना पौराणिक हु और ना ही किसी जाति से हु 7. यह दुनिया कठिनाईयों से भरा है जिसे खुद पर भरोसा होता है वही विजेता कहलाता है 8. ईश्वर सर्वत्र विद्यमान है हम सबका पिता है इसलिए हमे सबके साथ मिलजुलकर प्रेमपूर्वक रहना चाहिए 9. कभी भी किसी भी परिस्थिति में किसी का हक नही छिनना चाहिए 10. आप सबकी सदभावना ही मेरी सच्ची सामजिक प्रतिष्ठा है 11. जो लोग अपने घर में शांति से जीवन व्यतीत करते है उनका यमदूत भी कुछ नही कर पाते है 12. सच्चा धार्मिक वही है जो सभी लोगो का एक समान रूप से सबका सम्मान करते है 13. प्रभु को पाने के लिए प्रभु के गीत गाओ, प्रभु के नाम से सेवा करो और प्रभु के सेवको के सेवक बन जाओ 14. कोई भी राजा कितना भी धन से भरा क्यू न हो लेकिन उनकी तुलना उस चीटी से भी नही की जा सकती है जिसमे ईश्वर का प्रेम भरा हुआ हो 15. उसकी चमक से ही सम्पूर्ण जगत प्रकाशवान है 16. मेरा जन्म ही नही हुआ है तो भला मेरा जन्म या मृत्यु कैसे हो सकता है 17. भी भी बुरा कार्य करने की सोचे भी नही और न ही कभी किसी को सताए 18. ईश्वर एक है उसके रूप अनेक है 19. ईमानदारी से मेहनत करके ही अपना पेट पालना चाहिए 20. सभी एक समान है और सब ईश्वर की सन्तान है 21. जब भी किसी को मदद की आवश्यकता पड़े, हमे कभी भी पीछे नही हटना चाहिए 22. संसार को जीतने के लिए अपने कमियों और विकारो पर विजय पाना भी जरुरी है 23. अहंकार कभी भी मनुष्य को मनुष्य बनकर नही रहने देता है इसलिए कभी भी अहंकार या घमंड नही करना चाहिए 24. कभी भी उसे तर्क से नही समझा जा सकता है चाहे तर्क करने में अपने कई सारे जीवन लगा दे 25. वहम और भ्रम का हमे त्याग कर देना चाहिए 26. हमेसा दुसरे के मदद के लिए आगे रहो 27. धन को जेब तक ही स्थान देना चाहिये अपने हृदय में नही 28. तेरी हजारो आँखे है फिर भी एक आँख नही, तेरे हजारो रूप है फिर भी एक रूप नही 29. चिंता से दूर रहकर अपने कर्म करते रहना चाहिए 30. अपने मेहनत की कमाई से जरुरतमन्द की भलाई भी करनी चाहिए