प्रदेश में बाघों के संरक्षण पर तीन साल में 300 करोड़ खर्च हुये: डॉ. नवीन जोशी


स्टोरी हाइलाइट्स

प्रदेश में बघों के संरक्षण के लिये वन विभाग भारी भरकम राशि खर्च कर रहा है। पिछले तीन साल में उसने करीब तीन सौ करोड़ रु.....

प्रदेश में बाघों के संरक्षण पर तीन साल में 300 करोड़ खर्च हुये: डॉ. नवीन जोशी भोपाल।प्रदेश में बघों के संरक्षण के लिये वन विभाग भारी भरकम राशि खर्च कर रहा है। पिछले तीन साल में उसने करीब तीन सौ करोड़ रुपये इसके लिये व्यय किये हैं। वन विभाग से प्राप्त अधिकृत जानकारी के अनुसार, बाघों के संरक्षण, उनकी सुरक्षा एवं उनसे संबंधित अपराधों पर वर्ष 2018-19 में 1 अरब 35 लाख 67 हजार 257 रुपये, वर्ष 2019-20 में 1 अरब 52 लाख 24 हजार 194 रुपये तथा वर्ष 2020-21 में 90 करोड़ 26 लाख 48 हजार 710 रुपये व्यय किये गये हैं। वर्ष 2018 की गणना के अनुसार, प्रदेश में बाघों की कुल संख्या 526 है। इनमें छह टाईगर रिजर्व कान्हा (मण्डला-बालाघाट) में 88, बांधवगढ़ (उमरिया) में 104, पेंच (सिवनी-छिन्दवाड़ा) में 61, पन्ना (पन्ना-छतरपुर) में 25, सतपुड़ा (होशंगाबाद) में 40 तथा संजय टाईगर रिजर्व (सीधी) में 5 बाघ थे। इनके अलावा नौरादेही (सागर-दमोह-नरसिंहपुर) अभयारण्य में 5 तथा रातापनी अभयारण्य (रायसेन-सीहोर), सिंघोरी अभयारण्य (रायसेन) तथा खिवनी अभयारण्य (देवास) में 45 बाघ थे। अय वन क्षेत्रों में इनकी संख्या 153 थी। अब इस साल के अंत में पुन: बाघों की गणना होने वाली है जिसकी तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं। प्रदेश में बाघों की गणना हर साल न करके चार साल में एक बार की जाती है।