रजनीश के ३१ विचार ... ओशो के इन सूत्रों से बदल जायेंगे आप


स्टोरी हाइलाइट्स

दुनिया में कम लोग ही ऐसे होते हैं; जो जैसे लगते हैं वैसे होते हैं..!

रजनीश के ३१ विचार ... ओशो के इन सूत्रों से बदल जायेंगे आप   1. दुनिया में कम लोग ही ऐसे होते हैं; जो जैसे लगते हैं वैसे होते हैं..! 2. मौज लो,रोज लो, ना मिले तो खोज लो। 3. प्रेम को मांगो मत, सिर्फ दो। 4. गलतफहमी का एक पल इतना जहरीला होता है, जो प्यार भरे सौ लम्हों को एक पल में भुला देता है। 5. आखिर तुम पूरी जिंदगी में करते क्या हो? वस्तुएँ इकट्ठा करते हो, तिजोरी भर लेते हो और खुद को खोते चले जाते हो। 6. मैंने कहा: उपदेश सब से ले लेना, आदेश अपने से लेना... 7. ...जो छीन ही जाएगा... उसे लूटने का मजा तो ले ही लो... 8. मूर्ख दूसरों पर हंसते हैं, बुद्धिमान खुद पर। 9. भीड़ उनको ही पसंद करती है जो उनके जैसे हैं! अनूठे को नहीं। 10. दूसरों की चिंता मत करो क्योंकि यह चिंता तुम्हारे अपने विकास को विचलित करेगी। 11. ध्यान का अर्थ है:- अपने पर ध्यान। मन का अर्थ है:- दूसरों पर ध्यान। 12. आप जो करना चाहते हैं, वह कीजिए। लोग तो तब भी कुछ कहते हैं, जब आप कुछ नहीं करते। 13. दूसरों को बदलने की कोशिश में तुम खुद बिगड़ रहे हो। 14. पुरुष तर्क से जीता है,स्त्री अनुभूति से। और जब भी अनुभूति और तर्क में दौड़ होगी तो अनुभूति जीत जाती है और तर्क हार जाता है। 15. मेरी सलाह.. मेरी पहली सलाह.. जो तुम्हें धोखा दे, समझना की बड़ा गरीब है, तुमसे ज्यादा गरीब है, तुमसे ज्यादा बड़ा भिखारी है, उस पर दया करना इसलिए नहीं कि तुम्हारी दया से वह बदल जाएगा, वो बदले ना बदले लेकिन तुम बदल जाओगे। 16. सवाल यह नहीं है कि मृत्यु के बाद जीवन मौजूद है या नहीं। असली सवाल यह है कि आज आप मौत से पहले जीवित है या नहीं। 17. सभी  सम्राट की तरह पैदा होते और मरते भिखारी की तरह है। 18. जिंदगी की भूल नही है..,जीने के ढंग में भूल है। 19. जिंदगी निर्मित नही होती,बनानी पड़ती है। 20. जिसने ये बात समझ ली मेरी जिंदगी में जो भी घट रहा है, वो मेरा ही कृत है, वो मेरे ही होश या जतन या बेहोशी या गैर जतन का परिणाम है ।वह व्यक्ति धार्मिक हो गया। 21. पाप का अर्थ है मुर्छा; तो जब मुर्छा में तुम कुछ करते हो। उस घड़ी मुर्छा के कारण कुछ भी उपलब्ध नहीं होता जैसे एक आदमी बेहोशी में बगीचे से गुजर जाए.. फूल सुगंध बाटते रहेंगे, सुगंध ना मिलेगी...। सूरज की किरण नाचती रहेंगी, परंतु नाच उसके लिए हुआ या ना हुआ के बराबर है...। बगीचे की सुगंध, बगीचे की ठंडी हवा उसे घेरेंगे, छुएंगी.... लेकिन वो होश में नहीं है। वर्तमान में जो नहीं है वह उत्सव से वंचित हो जाएगा और जो होश में नहीं है वो वर्तमान में नहीं हो सकता...। वर्तमान में होना और होश में होना एक ही बात को दो अलग ढंग से कहने का तरीका है। 22. अगर आप वास्तव में सच देखना चाहते है,तो आप ना  सहमति और ना ही असहमति में राय रखिए। 23. जो दूसरों को दुःख देता है वह अंततः दुखी हो जाता है। जो दूसरों को सुख देता है वह अंततः सुखी हो जाता है।ऐसा इसलिए क्योंकि जो दुःख देने की कोशिश करता है उसके अंदर दुःख का केंद्र विकसित होने लगता हैं और जो सुख देने की कोशिश करता है उसके अंदर सुख के केंद्र विकसित होने लगते हैं। 24. बड़ा सवाल ये नही है कि कितना सीखा जा सकता है?इसके उलट,सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है? 25. विश्राम में जाना है तो श्रम में अर्जन करना पड़ेगा क्योंकि विश्राम,श्रम के सहयोगी है। 26. सच्चा प्रेम तब होता है जब उसमें कोई वजह नही होती। 27. उत्फुल्लता(Spark) एक आदत है जिसको आप बना सकते हो, उत्फुल्लता को बनाए रखने के लिए जरूरी है जिंदगी का वो हिस्सा देखिए जो प्रकाशित है... वो हिस्सा नहीं जो अंधेरे से भरा है। जैसे:- मैं अगर आपको कहूं कि मेरा कोई मित्र है और वह बहुत अद्भुत गीत गाता है या बहुत अद्भुत बांसुरी बजाता है। आप मुझसे कहेंगे, होगा...! ये क्या बांसूरी  बजाएगा,.. इसको मैंने शराबखाने में शराब पीते हुए देखा है। यह अंधेरा देखना है। अगर मैं आपसे कहूं कि ये मेरे मित्र हैं, शराब पीते हैं और आप मुझसे कहे, होगा...! लेकिन ये तो अद्भुत बासूरी बजाते  हैं... तो ये जिंदगी की प्रकाशित पक्ष को देखना है। 28. मै "किसी से" बेहतर करूँ, क्या फर्क पड़ता है। मै किसी का बेहतर करूँ, बहुत फर्क पड़ता है। 29. उत्सव मेरा धर्म है,प्रेम मेरा संदेश और मौन मेरा सच है। 30. अगर तुम्हारे जीवन में जरा भी बुद्धि है,तो इस चुनौती को स्वीकार कर लेना; कि बिना अपने को जाने अर्थी को उठने नहीं दोगे। 31. जिसको खुश होना है प्रकाश को देखें। जिसको खुश होना है वो यह देखें कि दो दिनों के बीच में एक रात है और जिस को उदास होना है वो ये देखे कि दो रातों के बीच में एक दिन है।