आप्टिकल फाईबर केबल डालने की 5 साल में 730 अनुमतियां, वन विभाग ने 27 करोड़ की आय प्राप्त की.. डॉ. नवीन जोशी


स्टोरी हाइलाइट्स

भोपाल: प्रदेश के वन मार्गों पर पिछले पांच साल में वन विभाग ने विभिन्न सरकारी एवं निजी संस्थानों को आप्टिकल फाईबर..

आप्टिकल फाईबर केबल डालने की 5 साल में 730 अनुमतियां, वन विभाग ने 27 करोड़ की आय प्राप्त की.. डॉ. नवीन जोशी   भोपाल: प्रदेश के वन मार्गों पर पिछले पांच साल में वन विभाग ने विभिन्न सरकारी एवं निजी संस्थानों को आप्टिकल फाईबर केबल एवं पाईप लाईन डालने की कुल 730 अनुमतियां जारी की जिसके एवज में उसे कुल 27 करोड़ 10 लाख 53 हजार 22 रुपयों की आय हुई। राज्य के वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई अधिकृत जानकारी के अनुसार, कुल 586.7182 हैक्टेयर भूमि पर ये केबल एवं पाईप लाईन डाली गई। इन केबल एवं पाईप लाईन की कुल लम्बाई 10 हजार 235.476 किलोमीटर है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के वन क्षेत्रों से गुजरने वाले मार्गों के किनारे केबल एवं पाईप लाईन डालने की अनुमति देने के अधिकार राज्य सरकार ने क्षेत्रीय वनमण्डलाधिकारियों को प्रदान किये हुये हैं। निजी संचार कंपनियां जिन्हें केबल डालने की मंजूरी दी गई, उनमें इनफोटेल ब्राडबैंड सर्विस लिमिटेड, रिलायंस जिओ इंफाकाम लिमिटेड, टेलीसोनिक नेटवर्क लिमिटेड, आईडिया सेलुलर लिमिटेड, एल एण्ड टी कंपनी, भारती एयरटेल लिमिटेड, बोडाफोन एस्सार स्पेसीटेल लिमिटेड आदि शामिल हैं। केबल एवं पाईप लाईन डालने की अनुमतियां कान्हा टाईगर रिजर्व के कोर और बफर जोन में भी दी गई है। इसके अलावा, संजय टाईगर रिजर्व, बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व, कूनो वन्यप्राणी मंडल, पेंच टाईगर रिजर्व, सतपुड़ा टाईगर रिजर्व, पन्ना टाईगर रिजर्व, नौरादेही वन्य प्राणी अभयारण्य एवं माधव राष्ट्रीय उद्यान में भी दी गई है। विभागीय अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने राईट आफ वे के अधिकार प्रदान किये हैं जिसके तहत वन मार्गों के किनारे आपिटकल फाईबर केबल एवं पाईप लाईन डाली जा सकती है। इसकी मंजूरी के अधिकार डीएफओ को दिये गये हैं। अनुमति के बदले शुल्क भी वसूल किया जाता है।