पेट में गैस बनने के कारण, लक्षण और इससे निजात पाने के अचूक उपाय


स्टोरी हाइलाइट्स

Due to the formation of air or gas in the stomach, air comes out with the sound from the mouth and stool. The person's appetite decreases. Pain starts in the chest and stomach. Discomfort increases. This causes pain around the throat and heart as well.

पेट में वायु या गैस  पेट में गैस बनने के कारण, लक्षण और इससे निजात पाने के देसी उपाय Acidity: Causes, Treatment and Home Remedies   रोग के सामान्य लक्षण पेट में वायु या गैस बनने से मुँह तथा मल-द्वार से आवाज के साथ वायु निकलती रहती है। व्यक्ति भूख कम हो जाती है। छाती तथा पेट में दर्द होने लगता है। बेचैनी बढ़ जाती है। इससे गले तथा हृदय के आसपास भी दर्द होने लगता है। बेहोशी, सिरदर्द, सुस्ती, ऊंघनां, कलेजे में दर्द, सिर में चक्कर आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं। सामान्य घरेलू उपाय - यदि गैस अधिक बनती हो, तो पीपल के चूर्ण में काला नमक मिलाकर खाना चाहिए। रोग व सरल उपचार गाजर का रस १ कप, शहद २ चम्मच; दोनों में थोड़ा-सा काला नमक डालकर सेवन करना चाहिए।  आधा चम्मच काले तिल, थोड़ा-सा कपूर, एक लाल इलायची. आधा चम्मच अजवाइन, दो चुटकी काला नमक, इन सबको चूर्ण के रूप में गुनगुने पानी के साथ सेवन करना चाहिए।  यदि कब्ज के कारण गैस की शिकायत हो, तो त्रिफला तथा राई का चूर्ण समान मात्रा में लेकर गर्म पानी साथ सेवन करना चाहिए। एक चम्मच शक्कर में चार-पाँच बूँद दालचीनी का तेल डालकर सेवन करना चाहिए। बथुए के पत्तों का दो चम्मच रस नित्य सेवन करना चाहिए।  जायफल तथा सोंठ का चूर्ण बनाकर रख ले। खाना खाने के बाद थोड़ा-थोड़ा करके प्रतिदिन सेवन करने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है। आधा कप गाजर का रस तथा २ चम्मच पत्ता गोभी का रस मिलाकर पीने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है। सुबह के समय ४-५ काली मिर्च पीसकर गर्म पानी में प्रतिदिन सुबह मिलाकर फिर उसमें आधा नींबू काटकर मिलाकर इसका सेवन करने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है। हींग, काला नमक तथा अजवाइन का चूर्ण खाने से गैस ठीक हो जाती है|  छोटी हरड़ को पानी में भिंगो देना चाहिए। इसके बाद इसे रात के भोजन के बाद चबाकर खाना चाहिए। सुबह के समय पेट साफ हो जाएगा और गैस कम बनेगी। आधा कप पानी में दो लौंगे डालकर पानी को उबाल लें। फिर ठंडा करके पानी को पीना चाहिए। अमरूद गैस के रोगियों के लिये बहुत लाभदायक है। कच्चे आलू को कुचलकर उसका रस सेवन करना चाहिए।  यदि गैस की तकलीफ बढ़ गई है, तो आधे नींबू के रस में चौथाई चम्मच सोडा डालकर सेवन करना चाहिए।  कलौंजी, जीरा तथा अजवाइन; तीनों को समान मात्रा में लेकर  रोग व सरल उपचार पीस कर इसमें से एक चम्मच चूर्ण खाना खाने के बाद नित्य सेवन करना चाहिए।  हल्दी तथा सेंधा नमक ५-५ ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करना चाहिए। दो चम्मच सूखे धनिये के दानों को १ गिलास पानी में उबाल लें, फिर पानी में छानकर पीना चाहिए। अजवाइन तथा काला नमक छाछ के साथ सेवन करना चाहिए। पिपरमिंट का तेल २-३ बूंद चीनी के साथ मिलाकर दिन में तीन चार बार लें। यह वायु को शान्त करता है तथा पेट में वायु को बनने नहीं देता है। भोजन के बाद मक्का में अजवाइ व काला नमक मिलाकर पीना चाहिए। एक चम्मच अजवाइन, दो लाल इलायची के दाने दोनों को पानी में थोड़ी देर तक उबालकर काढ़ा बना कर इसमें थोड़ा-सा काला नमक तथा हींग डालकर सेवन करना चाहिए। दो चुटकी दालचीनी पीसकर पानी के साथ सेवन करना चाहिए।  दो चम्मच पुदीने की पत्तियों का रस, आधा नींबू का रस; दोनों को मिलाकर पीना चाहिए। सुबह के समय बासी मुँह एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी के साथ सेवन करना चाहिए।  पेट के ऊपर तारपीन का तेल धीरे-धीरे मलने से गैस में काफी आराम मिलता है। थोड़ा-सा पुदीना, चार काली मिर्च के दानें, दो चुटकी काला नमक और दो पूसी लहसुन; सबकी चटनी बना लें। भोजन के साथ इस चटनी का सेवन करना चाहिए। कुलथी का काढ़ा बनाकर पीने से वायु विकार दूर होता है। मुनक्कों को तवे पर भून लें। उसमें लहसुन मिलाकर खाना चाहिए। इससे पेट में रूकी हवा निकल जाएगी, कमर का दर्द भी जाता रहेगा।  अगर बच्चे के पेट में दर्द है, पेट में अफारा हो गया है, तो पीने का तम्बाकू, नमक, हींग, जीरा सबको पीसकर पानी में गाढ़ा-गाढ़ा गर्म कर लें। फिर इसका लेप पेट पर करना चाहिए। रोग व सरल उपचार गर्म पानी में नींबू का रस, सोडा तथा काला नमक मिलाकर इस पानी को घूंट-घूंट करके पीना चाहिए।  पाचन शक्ति तथा गैस के बीच संतुलन बनाये रखने के लिये करेले की सब्जी का सेवन करना चाहिए। अदरक का रस एक चम्मच, नींबू का रस आधा चम्मच, दोनों को मिलाकर उसमें शहद डाल लें। फिर इसे धीरे-धीरे चाटना चाहिए। गैस बढ़ने पर मेथी का साग काफी लाभकारी रहता है। १०० ग्राम मेथी के दानों को तवे पर हल्का भून लें। इसमें २५ ग्राम काला नमक मिलाकर दोनों को कूट-पीसकर चूर्ण बनाना चाहिए। इसमें से आधा चम्मच चूर्ण खाना खाने के बाद सुबह-शाम, दोनों समय पानी से सेवन करना चाहिए। एक कली लहसुन सुबह के समय बासी मुँह सेवन करना चाहिए। यदि पेट में अम्ल बनता हो, तो लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिये। एक गिलास पानी में ५० ग्राम पुदीना, १० ग्राम अदरक के टुकड़े, १० ग्राम अजवाइन; इन सबकी उबाल कर इसमें थोड़ी-सी चीनी या गुड़ मिलाकर इस काढ़े में से दो चम्मच काढ़ा प्रतिदिन भोजन के बाद पीने से गैस के अलावा पेट की अन्य बीमारियाँ भी नष्ट हो जाती हैं। मूली तथा काले नमक की चटनी भोजन के साथ खाना चाहिए। कच्ची मूली या मूली का अचार गैस, अग्निमांद्य, अरुचि, पुराने कब्ज आदि के लिये बहुत लाभकारी है। उदर तथा वायु विकार में गुड़ काफी लाभ पहुंचाता है। अंत: भोजन के बाद १० ग्राम गुड़ अवश्य खाना चाहिये। दूध में ५ अदद पीपल डालकर उबालें। फिर उसमें थोड़ी-सी चीनी डालकर पीना चाहिए। जायफल को नींबू के रस में घिसकर चाटना चाहिए। एक चम्मच आंवले के रस में थोड़ा-सा देसी घी तथा खाड़ मिलाकर सेवन करना चाहिए। वायु विकार को दूर करने के साथ-साथ यह गठिया की बीमारी को भी दूर करता है।