आखिर क्यों रुकी हैं निगम-मंडल में नियुक्तियां, सिंधिया समर्थकों को लेकर ऊहापोह की स्थिति: गणेश पाण्डेय 


स्टोरी हाइलाइट्स

आखिर क्यों रुकी हैं निगम-मंडल में नियुक्तियां, सिंधिया समर्थकों को लेकर ऊहापोह की स्थिति: गणेश पाण्डेय  मध्यप्रदेश में अभी भी कई राजनीतिक .....

आखिर क्यों रुकी हैं निगम-मंडल में नियुक्तियां, सिंधिया समर्थकों को लेकर ऊहापोह की स्थिति गणेश पाण्डेय भोपाल: मध्यप्रदेश में अभी भी कई राजनीतिक नियुक्तियां होनी है। सत्ता और संगठन में रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर दावेदारों का इंतजार खत्म नहीं हो रहा, जिसके बाद कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है। हालांकि बकाया नियुक्तियों के लिए मैराथन बैठकों का दौर जारी है। केंद्र में मंत्री बनाए जाने के बाद शिवराज सरकार और संगठन में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। सरकार बनने के बाद बीजेपी में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर इतना इंतजार पहले कभी नहीं देखा गया। हालांकि इन पदों के लिए नाम तय करने की कवायद जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की लगातार संगठन के बड़े नेताओ के साथ बैठक हो रही है। पिछले दिनों सीएम शिवराज और बीजेपी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश की बीजेपी दफ्तर में करीब एक घंटे तक बंद कमरे में चर्चा हुई, जिसके बाद अब निगम मंडल में नियुक्तियों के जल्द एलान होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती सिंधिया के समर्थकों को एडजेस्ट करने की है। प्रतिबंध के बाद भी सिंगल यूज प्लास्टिक की हो रही अवैध बिक्री से करोड़ों की राजस्व हानि.. गणेश पाण्डेय  सिंधिया के चार से पांच समर्थकों को निगम मंडल की कमान देने पर तकरीबन मुहर लग चुकी है। साथ ही 15 से 20 करीबियों को संगठन में जगह देने पर भी सहमति बन चुकी है! हालांकि बचे हुए राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर अदरूनी खींचतान की खबरें भी आ रही है, जिसे दूर करने और संगठन में सामंजस्य बिठाने लगातार मंथन हो रहा है। संभावना जताई जा रही है कि सितंबर में नगरीय निकाय के चुनाव हो सकते हैं। ऐसे में पार्टी कोई रिस्क लेना नहीं चाहती। विधानसभा में दिए मंत्री के आश्वासन हवा में उड़ा रहे हैं अफसर: गणेश पाण्डेय  मंथन का दौर का सिलसिला तेज एक और निगम मंडल में नियुक्तियों को लेकर बीजेपी में चिंतन मनन जारी है। दूसरी ओर इसे लेकर हो रही देरी से कांग्रेस उत्साहित है। कांग्रेस को लगता है कि बीजेपी में अनिर्णय की स्थिति उसके लिए फायदेमंद है। लिहाजा बैठकों को लेकर वो बीजेपी पर तंज कस रही है। कैसे सबको मैनेज हो पाएंगे बड़े नेता राजनीति में अपेक्षाओं की कसौटी पर सत्ता को कभी सहज नहीं माना जा सकता। नेता हो या कार्यकर्ता हर कोई अपनी मंशा को लेकर उत्साहित हो, तो संगठन की चुनौती बढ़ती ही है। कुछ ऐसी ही स्थिति का सामना इन दिनों मध्य प्रदेश में बीजेपी कर रही है। राज्य में कभी भी निकाय चुनाव हो सकता है, लेकिन कार्यकर्ताओं में उत्साह नहीं है। इसकी एक वजह जिलों और मोर्चो की कार्यकारिणी गठित न होने से निराशा भी है। वहीं निगम मंडल में नियुक्ति की आस लगाए दिग्गजों की लंबी कतार है। अब बीजेपी इन नियुक्तियों में सबको कैसे फिट करती है? कृषिमंत्री पटेल के आश्वासन को अमलीजामा पहनाने की पहल पर उद्यानिकी विभाग ने अटकाया रोड़ा: गणेश पाण्डेय