आठ साल बाद पुन: दो जिलों में शिकायत निवारण प्राधिकरण गठित: डॉ. नवीन जोशी


स्टोरी हाइलाइट्स

राज्य सरकार को आठ साल बाद पुन: दो जिलों खण्डवा एवं बैतूल में जिला स्तरीय शिकायत निवारण प्राधिकरण गठित करने .....

आठ साल बाद पुन: दो जिलों में शिकायत निवारण प्राधिकरण गठित डॉ. नवीन जोशी भोपाल। राज्य सरकार को आठ साल बाद पुन: दो जिलों खण्डवा एवं बैतूल में जिला स्तरीय शिकायत निवारण प्राधिकरण गठित करने पड़े हैं ,जबकि हरदा जिला में यह प्राधिकरण गठित नहीं किया गया है। दरअसल श्रमिक आदिवासी संगठन के अनुराग मोदी एवं शमीम मोदी ने इन तीनों जिलों में आदिवासियों को पुलिस एवं वन विभाग के अमले द्वारा परेशान करने, भूमि सें बेदखल करने एवं इन पर बेवजह अनेक आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का मामला वर्ष 2004 में उठाया था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था तथा वकील प्रशांत भूषण की पैरवी पर सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश मदन बी लोकुर ने इन तीनों जिलों में जिला स्तरीय शिकायत निवारण प्राधिकरणस गठित करने के आदेश दिये थे। इन प्राधिकरणों को काम दिया गया था कि वे आदिवासियों पर बनाये गये झूठे केसों की जांच करेंगे, आदिवासियों की रिपोर्ट पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई है तो उसकी जांच करेंगे, स्थानीय प्रशासन के सरकारी सेवकों द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया है तो उसकी जांच करेंगे तथा यदि किसी एससीएसटी व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है तो उसकी सूचना चौबीस घण्टों के अंदर इन प्राधिकरणों को देंगे। इन प्राधिकरणों को अपनी जांच रिपोर्ट प्रदेश के मुख्य सचिव एवं संबंधित जिले के न्यायालय के डीजे को सौंपने के लिये कहा गया था जो उस पर संज्ञान लेकर कार्यवाही करवा सकें। राज्य सरकार ने 4 जनवरी 2013 को हरदा जिले के लिये रिटायर्ड जिला जज केपी तिवारी, बैतूल जिले के लिये रिटायर्ड जिला जज अंकित स्वामी नायडू तथा खण्डवा जिले के लिये रिटायर्ड जिला जज आरपी सोलंकी को शिकायत निवारण प्राधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया तथा उनके सहयोग हेतु अशासकीय सदस्य नियुक्त किये गये थे। परन्तु लम्बे समय तक इन प्राधिकरणों से आदिवासियों को कोई लाभ नहीं मिला। अब सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला मप्र हाईकोर्ट को निगरानी के लिये सौंप दिया है जो इस पर सुनवाई कर रही है। चूंकि हरदा के प्राधिकरण ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है इसलिये उसका पुन: गठिन नहीं किया गया है जबकि खण्डवा एवं बैतूल के लिये अब पुन: प्राधिकरण का गठन किया गया है। खण्डवा के लिये रिटायर्ड जिला जज संजय कुमार जैन तथा बैतूल के लिये रिटायर्ड जिला जज प्रवीण शाह को प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है और उनके सहयोग के लिये अशासकीय व्यक्तियों को सदस्य बनाया गया है। श्रमिक आदिवासी संगठन के अनुराग मोदी ने बताया कि हमारी शिकायतों पर प्राधिकरणों के माध्यम से हो रही कार्यवाही पर हाईकोर्ट निगरानी कर रहा है तथा इस मामले में जल्द सुनवाई होनी है। इसीलिये राज्य सरकार ने हरदा को छोडक़र शेष दो जिलों खण्डवा एवं बैतूल में पुन: शिकायत निवारण प्राधिकरण गठित किये हैं। अभी भी इन जिलों के आदिवासियों को न्याय नहीं मिल पाया है।