ग्राम पंचायतों में सेनेटरी नैपकिन नष्ट करने की मशीनें मंहगे दाम पर खरीदे जाने का आरोप: डॉ. नवीन जोशी


स्टोरी हाइलाइट्स

ग्राम पंचायतों में सेनेटरी नैपकिन नष्ट करने की मशीनें मंहगे दाम पर खरीदे जाने का आरोप: किसान कॉंग्रेस मप्र के कार्यवाहक अध्यक्ष केदार शंकर सिरोही.....

ग्राम पंचायतों में सेनेटरी नैपकिन नष्ट करने की मशीनें मंहगे दाम पर खरीदे जाने का आरोप डॉ. नवीन जोशी भोपाल। किसान कॉंग्रेस मप्र के कार्यवाहक अध्यक्ष केदार शंकर सिरोही ने ग्रांम पंचायतों में सेनेटरी नैपकिन मंहगे दामों पर खरीदे जाने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि ग्राम पंचायत स्तर पर सेनेटरी नैपकिन को नष्ट करने की 10 हजार की मशीन को 50-60 हजार रु में दबाब पूर्वक वितरण करने की गतिविधियों को रोका जाये। सिरोही ने पत्र में कहा कि एवरी वूमन हेल्थ राईट्स नाम से की गई स्टडी में ये बात सामने आई थी कि अभी भी हमारे देश में 88 फीसदी महिलाएं सेनिटरी नैपकिंस का प्रयोग नहीं करती हैं। वे आज भी पुराने तरीकों जैसे कपड़े, अखबारों या सूखी पत्तियों का प्रयोग करती हैं। इसका कारण ये है कि वे सेनेट्री नैपकिंस को खरीदने में सक्षम नहीं हैं। वर्तमान में गांव मे मात्र 5 प्रतिशत तक ही महिलाएं सेनेट्री नैपकिन का उपयोग करती हैं जो कि आर्थिक रूप से सक्षम है एवं नैपकिन के डिस्पोजल की जगह स्वयं के घर पर उसे नष्ट कर रही हंै। ये महिलाएं कभी भी दूसरे के घर या पंचायत पर सेनेटरी पैड डिस्पेंसर मशीन का उपयोग करने के लिए नहीं जाती हैं। फिर भी मप्र की पंचायतों पर सेनेट्री नैपकिन पैड डिस्पेंसर मशीन 5 गुना दाम पर ग्राम पंचायत की प्राथमिकता नहीं होने पर भी, क्यों दी जा रही है। सिरोही ने पत्र में कहा कि वर्तमान में बड़े गिरोह की साठगांठ से अधिकांश पंचायतों को सेनेटरी पैड डिस्पेंसर मशीन दी जा रही है जो कि तकनीकी और व्यहवारिक रूप से उपयोगी नहीं हैं एवं इस हेतु सीपीसीबी ने भी मान्यता दी नहीं है। इसलिये प्रदेश की पंचायतों में दी जाने वाली इन मंहगी मशीनों को रोका जाए एवं किन-किन पंचायतों को यह मशीन दी गई है, उनका ऑडिट करवाकर इस गड़बड़ी को रोका जाये।