धर्म अर्थ काम मोक्ष क्या हैं ?
स्टोरी हाइलाइट्स
धर्म- धर्म कहते हैं ड्यूटी को | यानी की करनी ही करनी है | मना नहीं कर सकते हैं | चाहे आंधी हो तूफान हो कुछ भी हो वह धर्म होता है |
धर्म- धर्म कहते हैं ड्यूटी को | यानी की करनी ही करनी है | मना नहीं कर सकते हैं | चाहे आंधी हो तूफान हो कुछ भी हो वह धर्म होता है |
अर्थ- अर्थ कहते है धन को जो की धर्म को ख़त्म कर देता है | किसी को उसके धर्म से गिराना हो तो उसे धन दे दो वह अपने धर्म से गिर जाएगा | जैसे कहीं भी काम नहीं बन रह है तो धन दे दो वह अपने धर्म को छोड़ देगा पहले काम करेगा धन देने वाले का यह है धन |
काम- काम कहते हैं इक्षा को जो की धन को ख़त्म कर देती है | जैसे कोई वास्तु पसंद आयी तो उसे हम धन से खरीद लेते हैं | और अगर धन न हो तो उसे फिर छीन लेते हैं | यह है काम | जब तक काम पूरा नहीं होता है तब तक मोक्ष का द्वार नहीं खुलता है | बस यही काम सभी को भटकता है |
मोक्ष- मोक्ष यानी म ओ क्ष | यानी जब मन की रक्षा ओमकार से होती है उसे मोक्ष कहते हैं | सन्यासी को अपने मन की रक्षा करनी है की उसका मन भटके नहीं | जब यह अपने मन की रक्षा ओमकार से करता है | यानी ओमकार का जप करता है तो उसे मोक्ष कहते हैं |