RBI का बड़ा फैसला! सांसद-विधायक नहीं बन सकेंगे सहकारी बैंकों के निदेशक


स्टोरी हाइलाइट्स

RBI का बड़ा फैसला: विधायक, सांसद या नगर निगम के प्रतिनिधि अब प्राथमिक शहरी सहकारी बैंकों के प्रबंधन निदेशक अथवा पूर्णकालिक निदेशक नहीं बन सकेंगे

RBI का बड़ा फैसला! सांसद-विधायक नहीं बन सकेंगे सहकारी बैंकों के निदेशक गणेश पाण्डेय भोपाल. विधायक, सांसद या नगर निगम के प्रतिनिधि अब प्राथमिक शहरी सहकारी बैंकों के प्रबंधन निदेशक अथवा पूर्णकालिक निदेशक नहीं बन सकेंगे. रिजर्व बैंक ने इनकी नियुक्तियों पर रोक लगाते हुए इस पद के लिए न्यूनतम योग्यता भी तय कर दी है. आरबीआई ने गाइडलाइन में बताया कि शहरी सहकारी बैंकों में एमडी-डब्ल्यूटीडी पद के लिए विधायक, सांसद या नगर निगम प्रतिनिधियों को नियुक्त नहीं किया जा सकेगा. इस पद पर नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता परास्नातक या वित्तीय क्षेत्र की डिग्री मानी जाएगी. इसके अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट, एमबीए (फाइनेंस) या बैंकिंग में डिप्लोमा अथवा सहकारी कारोबार प्रबंधन में डिप्लोमा धारक को भी एमडी-डब्ल्यूटीडी नियुक्त किया जा सकेगा. आवेदक की उम्र 35 साल से कम और 70 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. धर्मांतरण मामला: अपराधियों ने बताया ग्रामीण लड़कियों का ब्रेनवॉश करना आसान, 33 लड़कियां बनीं शिकार बैंकिंग क्षेत्र में वरिष्ठ या मध्यम स्तर के पद पर 8 साल का अनुभव रखने वाला व्यक्ति भी सहकारी बैंकों के एमडी-डब्ल्यूटीडी पद के योग्य माना जाएगा. प्रतिनिधियों के अलावा कारोबारी अथवा सहकारी कंपनी में किसी भी तरह से हित रखने वाले की नियुक्ति भी इस पद पर नहीं की जा सकेगी. आरबीआई ने कहा, एक व्यक्ति की नियुक्ति अधिकतम 5 साल के लिए होगी और उसे दोबारा भी नियुक्त किया जा सकेगा. हालांकि, पूरा कार्यकाल 15 साल से अधिक नहीं होगा. बेहद जरूरत पर ही इसे 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है. किसान आंदोलन: राहुल गांधी ने कहा, हम सत्याग्रह करने वालों के साथ