कतर के साथ मिलकर एकाउंटिंग को बेहतर बनाएगा भारत , इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी के बीच हुए MOU को मंजूरी


स्टोरी हाइलाइट्स

केन्द्रीय केबिनेट  ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी के बीच हुए MOU को मंजूरी दी |Cabinet approves MoU between Institute of Chartered Accountants of India |Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से.

केन्द्रीय केबिनेट  ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी के बीच हुए MOU को मंजूरी दी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी (क्यूएफसीए) के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को स्वीकृति दे दी है। इस एमओयू से कतर में एकाउंटिंग  प्रोफेशन  और entrepreneurship आधार को मजबूत बनाने के उद्देश्य से मिलकर काम करने के लिए इंस्टिट्यूटस  के बीच सहयोग बढ़ेगा। इम्पैक्ट  आईसीएआई का मध्य पूर्व में 6,000 से ज्यादा मेम्बर्स  के साथ एक मजबूत सदस्यता आधार है और कतर (दोहा) स्थित इकाई आईसीएआई की सबसे सक्रिय इकाई में शामिल है। आईसीएआई के सदस्य कतर में विभिन्न निजी और सार्वजनिक कंपनियों में कई अहम पदों पर हैं तथा वे वहां पर एकाउंटिंग  प्रोफेशन  को इंस्टिट्यूटस  देने और विकास से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। इस एमओयू पर हस्ताक्षर से पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में आईसीएआई मेम्बर्स  को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा और  पहचान मिलेगी, साथ ही वे मिलकर कतर में इंडियन  कारोबारियों की कारोबार करने की आकांक्षाओं को इंस्टिट्यूटस  दे सकेंगे। इस प्रकार, इसके माध्यम से कतर और भारत की इकॉनमी  के विकास को सहयोग मिलेगा। बेनिफिट्स  आईसीएआई कीएक सक्रिय इकाई दोहा (कतर) में है जिसकी स्थापना वर्ष 1981 में की गई थी और यह आईसीएआई की 36 विदेशी इकाई में सबसे पुरानीइकाइयों में से एक है। स्थापना के बाद से ही इस इकाई की सदस्यता लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में इसके 300 से ज्यादा सदस्य हैं, जो कतर में विभिन्न निजी और सार्वजनिक कंपनियों में अहम पदों पर हैं। साथ ही कतर में एकाउंटिंग  प्रोफेशन  को इंस्टिट्यूटस और विस्तार देने के लिए काम कर रहे हैं। इस एमओयू से कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी को लाभ होगा। कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य : ➢यह एमओयू एश्योरेंस और ऑडिटिंग, परामर्श, कराधान, वित्तीय सेवाएं और संबद्ध क्षेत्रों में कतर में व्यावसायिक सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रक्रियाएं तय करके आईसीएआई के मेम्बर्स  के लिए अपार्चुनिटी  में बढ़ोतरी का एफोर्ट  है। ➢आईसीएआई, क्यूएफसीए के साथ मिलकर कतर में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय प्रोफेशन वर, उद्यमी और विद्यार्थियों को शिक्षित एवं तैयार भी करेगा। ➢ आईसीएआई और क्यूएफसीए परस्पर सहमति के आधार पर राउंडटेबल, नेटवर्किंग कार्यक्रमों आदि के आयोजन के द्वारा कतर में इंडियन  कारोबारियों के लिए अवसर तलाशने के लिए मिलकर काम करेंगे। ➢आईसीएआई और क्यूएफसीए कंपनी प्रशासन, तकनीकी शोध एवं परामर्श, गुणवत्ता आश्वासन, फॉरेंसिंक एकाउंटिंग , लघु और मझोले आकार की प्रक्रियाओं (एसएमपी) के मुद्दों, इस्लामिक वित्त, निरंतर प्रोफेशन वर विकास (सीपीडी) और परस्पर हित के अन्य विषयों जैसे क्षेत्रों में पैदा होने वाले अपॉर्चुनिटी  पर सहयोग करेंगे। बैकग्राउंड : द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) भारत की संसद द्वारा पारित अधिनियम द चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट, 1949 के तहत स्थापित एक सांविधिक निकाय है और भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंसी व्यवसाय को नियंत्रित करता है। 2005 की कानून संख्या (7) के क्रम में स्थापित कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी (क्यूएफसीए) एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है, जो कतर में विश्व स्तरीय वित्तीय और व्यावसायिक केन्द्र के रूप में क्यूएफसी के विकास और प्रोत्साहन के लिए जिम्मेदार है। Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से.