आदिवासी किसानों के नाम पर हुए 100 करोड़ के घोटाले की शिकायत सीबीआई तक पहुंची


स्टोरी हाइलाइट्स

मप्र के विशेष पिछड़े आदिवासी किसानों को जैविक खेती के लिए खाद सहित अन्य सामग्री देने नाम पर सौ करोड़ रुपए की योजना में बड़ी गड़बड़ी की शिकायत....

19 को विधान सभा समिति करेगी सुनवाई गणेश पाण्डेय भोपाल. मप्र के विशेष पिछड़े आदिवासी किसानों को जैविक खेती के लिए खाद सहित अन्य सामग्री देने नाम पर सौ करोड़ रुपए की योजना में बड़ी गड़बड़ी की शिकायत पर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. इस मुद्दे पर विधानसभा संघ की समिति 19 जुलाई को सुनवाई करने जा रही है. वर्ष 2016 -17 और 2018 -19 में आदिम जाति कल्याण विभाग को किसान कल्याण विभाग द्वारा आदिवासियों को जैविक खेती प्रोत्साहन से उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने विशेष योजना के अंतर्गत ₹90 करोड़ की तथा अति पिछड़े आदिवासी जैसे बैगा सहारिया भारिया के लिए 20 करोड़ की जैविक खेती योजना हुई गड़बड़ियों को लेकर इकबाल खान ने भी 19 सितंबर 19 को केंद्रीय जांच ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत के आधार पर ब्यूरो ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. सीबीआई की जांच मैं तेजी आने से पहले इस गड़बड़ी के मामले में विधानसभा की समिति 19 जुलाई को सुनवाई करने जा रही है. हालांकि अभी तक जांच प्रतिवेदन विधानसभा समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है. यहां यह उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने बायो कंपोस्ट यूनिट निर्माण और बायोलॉजिकल नाइट्रोजन हार्वेस्ट प्लांटिंग सेस्बनिया रोस्ट्राटा बीज के लिए स्वीकृत की. भारत सरकार ने ₹73 करोड़ सेस्बनिया रोस्ट्राटा बीज सप्लाई के लिए और 37 करोड़ बायो कंपोस्ट यूनिट निर्माण के लिए दिए किंतु प्रदेश सरकार के नौकरशाहों ने भारत सरकार द्वारा स्वीकृत योजना के घटकों को खुद ही बिना परमिशन के बदल दिया. यही नहीं, नौकरशाहों ने हाल मेल करने के लिए अपने सुविधानुसार भारत सरकार की स्वीकृत योजनाओं को चार घटकों की योजना में परिवर्तित कर दिया. इनकी भूमिका रही संदेह के दायरे में भारत सरकार की योजनाओं को परिवर्तित करने में वरिष्ठ नौकरशाह अशोक शाह तत्कालीन प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग की भूमिका मुख्य रूप से रही. भारत सरकार की स्वीकृत योजना के मूल स्वरूप में छेड़छाड़ करने से पहले अशोक शाह केंद्र से भी अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं समझी. योजना के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई. इस गड़बड़ी में एमपी एग्रो के अधिकारियों की भी संलिप्तता रही. Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये Newspuran से।