एक झूठ कि कोरोना नहीं वायरल है और 10 दिन में ठीक हो गये एक घर के संक्रमित 


स्टोरी हाइलाइट्स

झूठ ने बचाई जान:  कभी कभी झूठ भी सच से अच्छा हो जाता है| कोरोना की दहशत मरीजों को संक्रमण से ज्यादा हताहत करती है|  ये कहानी है उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से हाँ  झूठ से मिली ताकत से पूरे परिवार ने 10 दिन में ही कोरोना को मात दे दी बरगदवा विकास नगर के देवांश के माता-पिता और बड़े भाई में कोरोना के लक्षण दिखे  नौ अप्रैल को एंटीजन टेस्ट हुआ  रिपोर्ट देवांश ने  खुद रख ली। तीनो के टेस्ट पॉजिटिव थे। देवांश ने घर पहुंचने से पहले चिकित्सक/डॉक्टर  से संपर्क कर तीनों के लिए दवाइयों के पैकेट बनवा लिए।  देवांश ने रिपोर्ट कि सच्चाई छुपा ली| बताया सभी की रिपोर्ट निगेटिव है। चिंता  की कोई बात नहीं है। लेकिन एहतिहातन डॉक्टर ने ये दवाइयां दी है जिसे खाना है। इसके साथ ही सभी को कम से कम 10 दिन आईसोलेट भी रहना है। सुबह शाम भाप लेना है, गरारे करना है  और गर्म पानी पीना है।  दरअसल देवांश के माता-पिता कोरोना का नाम सुनते ही कांप जाते थे। ये इतने डरे हुए थे कि उसे सच्चाई छिपानी पड़ी| परिणाम ये रहा कि महज 10 दिन के अंदर निगेटिव हो गए और आज पूरी तरह से ठीक  हैं।