कोरोना ठीक होने के बाद अनेक लोगों हो रही अनेक समस्याएँ -दिनेश मालवीय


स्टोरी हाइलाइट्स

कोरोना ठीक होने के बाद अनेक लोगों हो अनेक समस्याएँ -दिनेश मालवीय     कोरोना या कोविड-19 के प्रकोप से दुनिया भर में लाखों लोगों की जान चली गयी है, जबकि लाखों लोगों का उपचार चल रहा है. इस संक्रमण के लक्षणों को यदि छुपाया न जाए और प्रारम्भ में ही इलाज हो जाए, तो इससे होने वाली मौत से बचाव हो जाता है. भारत में कोरोना प्रभावित लोगों के स्वस्थ होने की दर बहुत अच्छी है. लेकिन हाल ही में एक चिन्ताजन बात भी समें आयी है. चिकित्सकों का कहना है कि उपचार से स्वस्थ होने वाले करीब 4-5 प्रतिशत लोगों को अनेक तरह ही समस्याएँ हो रही हैं. ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी होने के बाद कुछ लोगों को सांस लेने में कठिनाई, कमजोरी और धुंधला दिखाई देने सहित अनेक अन्य लक्षण सामने आ रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार ये लक्षण कुछ लम्बे समय तक बने रह सकते हैं. हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर घर आ गये थे, लेकिन उन्हें थकान और शरीर में दर्द की शिकायत होने पर फिर से अस्पताल में भर्ती करवाया गया. दुबारा की गयी जाँच में वह नेगेटिव पाए गये, लेकिन इस तरह की तकलीफें उन्हें परेशान कर रही थीं. आजकल उनका एम्स में इलाज चल रहा है. शाह का अकेला मामला नहीं है. ऐसा कुछ अन्य लोगों के साथ भी हो रहा है. उन्हें फिर से इलाज के लिए भर्ती किया गया है. शारीरिक लक्षणों के अलावा इन लोगों को अवसाद सहित कुछ मानसिक समस्याएँ भी हो रही हैं. भावनात्मक प्रभाव तो है ही. उनमें इस बीमारी का डर बहुत गहरा घर कर गया है. इन सबका असर उनके शुगर और रक्तचाप में वृद्धि के रूप में भी सामने आ रहा है. हालाकि भारत में इसके स्पष्ट आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन यह इस बीमारी का एक नया आयाम सामने आया है. कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद कुछ लोगों में जो उपरोक्त लक्षण उभर कर आ रहे हैं, उन पर चिकित्सक पैनी नज़र बनाए हुए हैं. इस वायरस के बच्चों में कारण सांस लेने में तो तकलीफ होती ही है, लेकिन lung fibrosis और neurological reactions भी देखने में आ रहे हैं. इससे कुछ नुकसान तो हो रहा है, लेकिन ये लक्षण ज्यादा नहीं टिकने वाले हैं. चिकित्सकों के अनुसार, यह स्पष्ट रूप से कहना जल्दबाजी होगी कि कोरोना से ठीक होने के कारण रोगी में क्या लक्षण प्रकट हो सकते हैं, क्योंकि हर व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक बनावट अलग होती है. किसी-किसी को अस्पताल से छुट्टी के बाद कुछ ज्यादा समय तक खाँसी भी चल सकती है. फेफड़ों, हृदय, लिवर और किडनी में कुछ जलन-सूजन की शिकायत भी हो सकती है. कुछ लोगों को दूर तक पैदल चलने और सीढियां चढ़ने में भी समस्या हो सकती है. यह भी हो सकता है कि स्वस्थ हुआ व्यक्ति कुछ दिन तक किसी चीज पर ध्यान केन्द्रित करनेमें परेशानी महसूस करे. कोरोना से स्वस्थ होने वाले लोगों में सबसे बड़ा डर तो यही है कि कहीं यह दुबारा न हो जाए. इस विषय में चिकित्सकों का कहना है कि ऐसा बहुत ही कम मामलों में उन लोगों के साथ होना संभव है जिनमें इलाज के दौरान पर्याप्त मात्रा में antibodies विकसित नहीं हो पाते हैं.