Covid-19:अलविदा की नमाज में घर-घर हुई कोरोना से महफूज करने की दुआ


स्टोरी हाइलाइट्स

कोरोना संक्रमण के कारण इस बार रमजान में अलविदा की नमाज की भी रवायत बदल गई। लॉकडाउन की बंदिशों के चलते सिर्फ पांच लोगों ने मस्जिदों में और बाकी रोजेदारों

Covid-19:अलविदा की नमाज में घर-घर हुई कोरोना से महफूज करने की दुआ कोरोना संक्रमण के कारण इस बार रमजान में अलविदा की नमाज की भी रवायत बदल गई। लॉकडाउन की बंदिशों के चलते सिर्फ पांच लोगों ने मस्जिदों में और बाकी रोजेदारों ने अपने अपने घरों में नमाज अदा की। माहौल सामान्य होता तो मस्जिदों में तिल रखने को जगह न बचती, सड़कें खुशियों से चमकतीं मगर इस बार कोरोना की बंदिश भारी पड़ी। बहरहाल, सभी ने कोरोना संक्रमण के चलते देश-दुनिया के बिगड़े हालात को दुरुस्त करने, तरक्की, सलामती व इज्जत अता करने की खुदा से दुआएं मांगीं।  मुकद्दस रमजान में अलविदा की नमाज बरकत, रहमत और मगफिरत से भरी होती है। एक माह तक इबादत करने वालों को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है। मौलाना हारून रशीद नक्शबंदी ने बताया कि रमजान में अलविदा की नमाज का अलग ही महत्व होता है। इसी वक्त हर कोई अल्लाह से देश दुनिया और अपने लिए दुआएं मांगता है। मस्जिदों में नमाज अदा करने का मौका न मिलने से बच्चों, युवाओं में भी पहले जैसा जोश व उत्साह नहीं दिखा। फितरा का किया एलान अलविदा की नमाज पर उलेमाओं ने अलग अलग इलाकों की मस्जिदों से अलग अलग फितरा का एलान किया। मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने 45 रुपये, काजी ए शहर मौलाना गुलाम यासीन ने 60 रुपये और मौलाना हारून रशीद नक्शबंदी ने 52 रुपये के फितरा का एलान किया। अन्य उलेमाओं ने भी फितरा का ऐलान किया। मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी और गुलाम यासीन ने कहा कि हर संपन्न व्यक्ति ईद की नमाज के पहले अपने पूरे परिवार का फितरा निकाल कर उसे हकदार तक पहुंचा दें।