कहाँ छपते हैं भारत में नोट – Currency Printing in India


स्टोरी हाइलाइट्स

कहाँ छपते हैं भारत में नोट – Currency Printing in India रिपोर्टस के मुताबिक भारत में नोट केवल चार जगहों पर ही छपते है – नासिक, सालबोनी, मैसूर और मध्य प्रदेश के देवास में छपते हैं। क्योंकि केवल इन्ही जगहों पर बैंक नोट प्रेस, चार टकसाल और एक पेपर मिल है। जबकि भारतीय सिक्के इंडियन गर्वोमेंट दारा छापे जाते है जिसकी शाखाएं मुंबई, नोएडा, कोलकत्ता और हैदराबाद में है। रिपोर्टस के अनुसार भारत के लिए पहला नोट साल 1862 में ब्रिटिश सरकार ने यूके की एक कंपनी दारा छापा था। करीब साल 1920 तक ब्रिटिश सरकार भारत के नोट ब्रिटेन में ही छापा करती थी। लेकिन साल 1926 में ब्रिटिश सरकार ने भारत के महाराष्ट्र में स्थित नासिक में पहली प्रिंटिग प्रेस शुरु की जो नोट छापने का काम करती थी। यहीं पर 100, 1000 और 10 हजार के नोट छपने लगे। हालांकि आबादी को देखते हुए अभी भी काफी नोट ब्रिटेन से ही मंगवाए जाते थे। इसके बाद साल 1947 के बाद भी नासिक में ही भारतीय नोट छपते रहे। जिसके बाद साल 1975 में भारत की दूसरी प्रिटिंग प्रेस मध्य प्रदेश के देवास में खोली गई। पर दो प्रिंटिंग प्रेस आबादी के अनुसार अभी भी कम थी। इसलिए साल 1997 में पहली बार भारतीय सरकार ने बढ़ती आबादी के कारण अमेरिका, कनाडा और यूरोप से नोट मंगवाने शुरु किए। इसके बाद साल 1999 में मैसुर में और 2000 में पश्चिम बंगाल के सलबोनी मे प्रिटिंग प्रेस खोली गई। और अब इन्ही जगहों पर भारतीय नोटों की छपाई होती है। आपको बता दें भारत की चार प्रिंटिग प्रेस में से देवास की बैंक नोट प्रेस और नासिक की बैंक नोट प्रेस भारतीय वित्त मंत्रालय के नेतृत्व वाली सिक्योरिटी प्रिंटिंग एँड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अंतर्गत आती है। जबकि मैसूर और सलबोनी की प्रेस नोट रिर्जव बैंक ऑफ इंडिया की सब्सिडियरी कंपनी भारतीय रिर्जव बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड के आधीन है। रिपोर्टस के अनुसार भारतीय नोटों में लगने वाली स्याही को स्पेशली स्विजरलैंड की कपंनी sicpa  से आयात किया जाता है। आपको बता दें कंपनी भारत के अलावा कई ओर बड़े देशों को स्याही एक्सपोर्ट करती है। भारतीय नोट जिस कागज से बनते है उनमें से अधिकांश कागज भारत में नहीं बनता ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की केवल एक ही पेपर मिल है जो होशंगाबाद है। जो भारतीय नोटों और स्टंप के लिए पेपर बनाती है। इसके अलावा भारतीय कैरेंसी के लिए अधिकतर कागज जर्मनी, यूके और जापान से आता है। जो नोट बने में लगने वाले कुल कागजों का 80 प्रतिशत है। आरटीआई के अनुसार हर नोट को बनाने में अलग – अलग लगात लगती है जैसे 5 रुपये के नोट को बनाने में 50 पैसे, 10 रुपये के नोट में 0.96 पैसे। नोट तैयार होने के बाद इन नोटों को रिर्जव बैंक की देश में मौजूद 18 इश्यू ऑफिस में भेजा जाता है जो अहमदाबाद, हैदराबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकत्ता, मुंबई, नागपुर, दिल्ली, पटना, गुवाहाटी, चेन्नी, बेलापुर, भोपाल, तिरुपवंनतपुरम में है। जहां से इन्हें कॉर्मियशल बैंक अलग – अलग शाखाओँ को भेज दिया जाता है।