क्या देश के महानगरों में कोरोना कमज़ोर हो गया? -दिनेश मालवीय


स्टोरी हाइलाइट्स

क्या देश के महानगरों में कोरोना कमज़ोर हो गया? -दिनेश मालवीय मानव जीवन के इतिहास में अनेक भयानक जानलेवा बीमारियों का प्रकोप हो चुका. इनमें से अनेक ने तो करोड़ों लोगों को काल कवलित कर दिया. ऐसा समय भी कभी नहीं आएगा जब इस प्रकार के प्रकोप नहीं होंगे. लेकिन एक बात तय है कि कुछ प्रकोप कम समय में समाप्त हो जाते हैं, तो कुछ अधिक समय तक मनुष्य को हलकान करते रहते हैं. कोरोना पिछले आठ माह से पूरी दुनिया की नाक में दम किये हुए है. भारत को भी इसने काफी परेशां कर रखा है. लेकिन इसका भी शीघ्र ही अंत होने के आसार नज़र आने लगे हैं. देश के महानगरों में अब यह बहुत कमज़ोर होने लगा है. देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना को हराने वाले लोगों की संख्या 90 प्रतिशत हो गयी है. यानि इससे प्रभावित 100 लोगों में से 90 ठीक हो रहे हैं. इतनी अच्छी उपलब्धि हासिल करने वाला दिल्ली देश का पहला महानगर है. इस महानगर में कोरोना के कुल मामलों में इसके सक्रिय मामलों का प्रतिशत केवल 7 हैं. इसके अलावा चेन्नई और मुंबई में भी इसी तरह की स्थिति उभर रही है. अब देश में कोरोना के जितने सक्रिय प्रकरण हैं, उनमें सिर्फ 11 प्रतिशत महानगरों में हैं. बहरहाल इनमें कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या चिंता का विषय बनी हुयी है. मुंबई में आज भी कोरोना मृत्यु दर 5 प्रतिशत है, जो पूरे देश की 2 प्रतिशत से कहीं ज्यादा है. ऐसा लगता है कि देश के महानगरों में कोरोना प्रकोप की स्थति ऐसी होने जा रही है, जब नये मामले इससे ज्यादा होंगे ही नहीं. भारत में अभी तक 32 लाख 34 हज़ार 474 लोग कोरोना से संक्रमित हुए, जिनमें से 24 लाख 67 हज़ार 758 ने इस बीमारी को हरा दिया. कुल 59 हज़ार 449 लोगों की मौत हुयी. देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 7 लाख 7 हज़ार 267 है. दिल्ली में ठीक होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 90.05 प्रतिशत, मुम्बई में 81.03 प्रतिशत, चेन्नई में 87.50 प्रतिशत और बेंगलुरु में इनकी संख्या 66.82 प्रतिशत है. दिल्ली में 4,330, मुंबई में 7,439 और बेंगलुरु में 1,754 मौतें हुयी हैं. इसी तरह दिल्ली में सक्रिय मामले 11 हजार 998, मुंबई में 18 हज़ार 263, चेन्नई में 13 हज़ार 371 और बेंगलुरु में सक्रिय मामलों की संख्या 35 हज़ार 430 है.