दिलीप साहब का मध्य प्रदेश से गहरा नाता…. लंबे समय तक एमपी में की शूटिंग|


स्टोरी हाइलाइट्स

दिलीप कुमार ने मध्यप्रदेश में लंबे समय तक शूटिंग की थी| दिलीप साहब का मध्य प्रदेश से गहरा नाता था| दिलीप कुमार के जाने से उनके प्रशंसक निराश हैं|

दिलीप साहब का मध्य प्रदेश से गहरा नाता…. लंबे समय तक एमपी में की शूटिंग| दिलीप कुमार ने मध्यप्रदेश में लंबे समय तक शूटिंग की थी| दिलीप साहब का मध्य प्रदेश से गहरा नाता था| दिलीप कुमार के जाने से उनके प्रशंसक निराश हैं| मध्य प्रदेश के निवासी भी दिलीप कुमार से गहरा जुड़ाव महसूस करते थे| ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार फेमस सॉन्ग था “उड़े जब जब जुल्फें तेरी” इस फिल्म का यह गीत मध्यप्रदेश में फिल्माया गया था वैजयंती माला और तांगा चलाने वाले दिलीप कुमार का यह गीत आज भी विवाह समारोह की रौनक बनता है| इसे मध्यप्रदेश के बुधनी के जंगल में फिल्माया गया था| करीब 64 साल पहले यह गाना यहां पर शूट किया गया था| और लोगों के दिलों दिमाग में इस गाने की लोकेशन आज भी मौजूद है| यहां पर यह गाना क्यों शूट किया गया इसकी कहानी भी बहुत दिलचस्प है   फिल्म के डायरेक्टर बी आर चोपड़ा थे वे बुधनी स्टेशन से गुजर रहे थे तभी उन्होंने यह लोकेशन देखी और उन्होंने फैसला कर लिया कि नया दौर का एक महत्वपूर्ण सूट इसी लोकेशन पर होगा और इसके बाद तो फिर इस लोकेशन ने इतिहास रच दिया|   यह दिलीप कुमार, वैजयंती माला की स्टारर क्लासिक फिल्म थी, जिसे 1957 में रिलीज किया गया था। [embed]https://youtu.be/18CyRSq7GUQ[/embed] फिल्म की story मशीन और आदमी के संघर्ष पर बेस्ड थी। हो सकता है बहुत पुरानी फिल्म होने के कारण कई लोगों को इस बारे में जानकारी न हो। फिल्म में इस्तेमाल किया गया वो रपटा और रास्ता आज भी उपस्थित है, जिस पर दिलीप साहब ने अपना तांगा दौड़ाया। दरअसल, ग्रामीण और खूबसूरत पहाडी इलाका होने के कारण यह फिल्म के लिए पूरी तरह मुफीद था। यह रपटा सीहोर जिले के बुधनी के पास है, जिसे गडरिया नाला के रूप में जाना जाता है। 60 के दौर में जब फिल्म की शूटिंग हुई, उस वक्त नाला के पास पापुलेशन न के बराबर थी। तब शूटिंग देखने के लिए होशंगाबाद और भोपाल से काफी लोग यहां पहुंचते थे। बी आर चोपड़ा ने इस लोकेशन पर 2 कई गाने फिल्माए| एक गाना तो वहीं था “मांग के साथ तुम्हारा” और दूसरा “कुंवारियों का दिल धड़काने वाला”| 8 महीने तक इस फिल्म की शूटिंग इस लोकेशन पर हुई| ज्यादातर सीन इसी लोकेशन पर शूट किए गए| बुधनी में आज भी वह लोकेशन वैसी की वैसी है| जो यहां से निकलता है वह पहाड़ों को देखकर समझ जाता है कि यह वही लोकेशन है जहां पर दिलीप साहब की नया दौर शूट हुई थी| ये भी पढ़ें.... भारतीय सिनेमा का इतिहास – कैसे हुयी बॉलीवुड की शुरुआत फिल्म के बुदनी स्टेशन, भोपाल रोड, रेस्ट हाऊस सहित आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर सीन शूट किए गए। पूरी शूटिंग के दौरान गानों की शूटिंग हर किसी के अट्रैक्शन का केंद्र रही। दिलीप कुमार, जॉनी बाकर और अभिनेत्री बैजयंती माला यही गेस्ट हाउस में रहते थे। हम आपको बता दें कि दिलीप कुमार की पहली रंगीन फिल्म "आन की आउटडोर" शूटिंग भी मध्यप्रदेश में हुई थी| इसकी शूटिंग नरसिंहगढ़ और इसके आसपास के इलाके में की गई थी| हालांकि पूरी फिल्म की शूटिंग यहां नहीं हुई थी लेकिन ज्यादातर हिस्सा यही फिल्माया गया| इस फिल्म की शूटिंग का गवाह बना नरसिंहगढ़ का किला| उमठ परमार राजवंश का करीब 320 साल पुराना किला आज भी सीना ताने खड़ा है। रामगढ़ घाटी के खूबसूरत से जंगल, देवगढ़, ये सब इस फिल्म की शूटिंग में देखने को मिले| इस फिल्म को देश के पहले शो मैन महबूब खान ने निर्मित किया था |   Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से.