क्या आप एस्ट्रोपैथी के बारे में जानते हैं?


स्टोरी हाइलाइट्स

आपने एलोपैथी, होम्योपैथी, यूनानी, आयुर्वेदिक योगा, जादू टोना सहित कई तरह की पैथियों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपने एस्ट्रोपैथी के...

क्या आप एस्ट्रोपैथी के बारे में जानते हैं? आपने एलोपैथी, होम्योपैथी, यूनानी, आयुर्वेदिक योगा, जादू टोना सहित कई तरह की पैथियों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपने एस्ट्रोपैथी के बारे में सुना है? हमें अनेक तरह की समस्याएं होती हैं| शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक| आयुर्वेद शारीरिक व्याधियों के लिए वात पित्त और कफ को दोषी मानता है| होम्योपैथी साल्ट बेस्ट चिकित्सा पद्धति है| एलोपैथी वायरस बैक्टीरिया जीवाणु फफूंद से संबंधित है| ये भी पढ़ें..शादी नहीं हो रही? अच्छा जीवन साथी नहीं मिल रहा: ज्योतिषीय कारण क्या हैं? शादी(Marriage) कब होगी?  एस्ट्रोपैथी तारों से संबंधित है जो समाधान की तरफ अग्रसर करती है| जो समस्या की जड़ को अलग दृष्टिकोण से देखती है| एस्ट्रोपैथी से रोग का पूर्वानुमान भी हो जाता है और इसका सही इलाज भी शुरू हो जाता है| एस्ट्रोपैथी में योग और घटनाओं के आधार पर यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति का शरीर व्यक्तित्व कैसा होगा| उसे किस तरह के रोग होंगे| वह कितनी आयु तक जीवित रहेगा? कौन सा रोग हो सकता है? किस रोग में गंभीरता ज्यादा होगी? कौन सा रोग मृत्यु तुल्य होगा? और भी तरह की व्याधियों का पता ज्योतिष के जरिए शुरू में ही लग जाता है| ये भी पढ़ें..जन्म तिथि के मुताबिक़ रत्नों(Gemstones) का चयन : अंक ज्योतिष(Numerology) टीबी, कैंसर, डायबिटीज इसके साथ ही यह भी पता चल जाता है कि रोग किस कारण से हुआ है| ज्योतिष के माध्यम से कई साल पहले व्याधियों का पता चल जाता है| इसके चलते समय रहते उपाय कर सकते हैं| एलोपैथी में अलग-अलग तरह के टेस्ट होते हैं और ट्रीटमेंट होता है| वही आयुर्वेद में नाडी, स्वर आदि के द्वारा वात पित्त कफ की स्थिति की जांच होती है| होम्योपैथी में साल्ट की जांच होती है| यूनानी में नाड़ी और लक्षण के आधार पर चिकित्सा होती है| योग पद्धति में प्राणायाम आसन का प्रयोग किया जाता है| ये भी पढ़ें..जाने ज्योतिष विज्ञान की गूढ़ बातें : भौतिक विज्ञान की तरह की एक शुद्ध एवं दैवी विज्ञान है एस्ट्रोलॉजी | एस्ट्रोपैथी में कुंडली के आधार पर ग्रह विशेष की नक्षत्र राशि स्थिति के आधार पर काल पुरुष से प्रभावित होने वाले अंग का पता लगाया जाता है| ग्रह की प्रकृति, राशि की प्रकृति, भाव की प्रकृति, नक्षत्र की प्रकृति, पंचमहाभूत की प्रकृति, वास्तु, नवाग्रह, विशिष्ट योग के आधार पर रोग और व्याधियों का पता लगाया जाता है| एस्ट्रोपैथी में विभिन्न ग्रहों से संबंधित रोगों का वर्णन है| किस ग्रह से किस स्थिति में किस तरह के रोग हो सकते हैं| यह एस्ट्रोपैथी में बताया गया है| इन रोगों के निदान के लिए विभिन्न उपचार और उपाय बताए गए हैं| ये भी पढ़ें.. ज्योतिष के विविध आयामों का परिचय