ड्राई फ्रूट्स हैं सेहत के लिए अमृत-दिनेश मालवीय


स्टोरी हाइलाइट्स

सदियों से हमारे पूर्वज सूखे मेवों यानी ड्राई फ्रूट्स को सेहत के लिए अमृत मानते आये हैं.

ड्राई फ्रूट्स हैं सेहत के लिए अमृत -दिनेश मालवीय सदियों से हमारे पूर्वज सूखे मेवों यानी ड्राई फ्रूट्स को सेहत के लिए अमृत मानते आये हैं. वैसे तो इन्हें हमेशा खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन सर्दियों के मौसम में तो इनके सेवन से कई गुना फायदा होता है. इन्हें सीधे भी खाया जाता है और किसी चीज के साथ मिलाकर या पाक बनाकर भी खाया जाता है. किसी भी रूप में इन्हें खाने से शरीर पुष्ट और सेहतमंद होता है. सूखे मेवे विभिन्न रोगों में रहत तो देते ही हैं, साथ ही कई रोगों को रोकने भी कारगर होते हैं. यह एक गलत धारणा है कि सूखे मेवे बहुत महँगे होते हैं और इनका अधिक सेवन नुकसान भी कर सकता है. ये कुछ महँगे तो होते हैं, लेकिन शरीर और मस्तिष्क को इनसे होने वाले फायदों की तुलना में इनकी कीमत कुछ भी नहीं है. जहाँ तक इनके अधिक सेवन से नुकसान की बात है, तो अति हर चीज़ की बुरी होती ही है. अपने शरीर की क्षमता पचाने की ताकत और अपने शरीर की पृकृति के अनुसार ही इनका सेवन किया जाए तो इनके लाभ अनगिनत हैं. आइये, कुछ सूखे मेवों और उनके फायदों के बारे में कुछ जानते हैं. अखरोट- यह बहुत गुणकारी सूखा मेवा हिमालय में खूब उगता है. अखरोट के फल गोल होते हैं और इनके भीतर बादाम जैसी मींगी निकलती है. इसका छिलका कृमिनाशक होता है. इसका काढ़ा पीने से गले की गठानों में बहुत आराम मिलता है. गठिया के रोग में भी इससे बहुत लाभ होता है. आयुर्वेद के अनुसार अखरोट मीठा, थोड़ा खट्टा, चिकना, शीतल, काफ-पित्तकारी, ताकत देने वाला और दिल तथा खून की बीमारियों में फायदा करता है. अखरोट खाने से दिमागी सेहत भी ठीक रहती है. [caption id="attachment_43181" align="alignnone" width="309"] अखरोट[/caption] अंजीर- यह फल बोने से उगता है. इसका फल गूलर के फल की तरह होता है. अंजीर बहुत शीतल, रक्तपित्त नाशक, सिर और खून की बीमारियों और कुष्टरोग के इलाज में लाभकारी है. यह सांस के रोगों, बबासीर, सफैद कुष्ठ, फोड़े अरु गाँठ आदि में लाभकारी और पौरुष बढाने वाली है. सर्दी के दिनों में इसे दूध में उबालकर पीने से बहुत फायदा होता है. रक्त की कमी होने पर भी इसके सेवन से बहुत लाभ होता है. यह बहुत जल्दी पच भी जाता है. [caption id="attachment_43182" align="alignnone" width="500"] अंजीर[/caption] काजू- वैसे तो इसकी उत्पत्ति अमेरिका के ट्रॉपिकल एरिया में हुई, लेकिन भारत में भी समुद्र के किनारों पर यह बहुत मात्रा में उगता है. इसके पेड़ छोटे और इसके फल खिरनी या कटहल के पत्तों की तरह होते हैं.  इसमें एक तरह का गोंद भी लगता है. काजू गरम और ताज़गी देने वाला ड्राई फ्रूट है. इससे दिल मजबूत होता है, वीर्य बढ़ता है और गुर्दों को ताकत मिलती है. यह दिमाग के लिए भी बहुत मुफीद होता है. इसे सुबह बिना मुँह धोये शहद के साथ खाने से दिमागी कमज़ोरी मिट जाती है. यह और भी अनेक तरह के रोगों में बहुत फायदेमंद होता है. [caption id="attachment_43202" align="alignnone" width="388"] काजू[/caption] बादाम- बादाम के गुणों से तो किताबों के पन्ने भरे पड़े हैं. भारत में कश्मीर और पंजाब में इसकी खेती की जाती है. इसका फल गरम, तेलयुक्त, पचने में भारी, और वात तथा पित्त को नष्ट करने वाला है. बादाम का उपयोग अनेक तरह से किया जाता है. इसका पाक भी बनता है और हल्वा भी. बादाम खाने से दिमाग की ताकत और आँखों की रोशनी बढ़ती है और शरीर को भी बल मिलता है. यह कामशक्ति को भी बढाता है. इसके छिलके भी बहुत काम आते हैं. आयुर्वेद में इसके बहुत से उपयोगी प्रयोग बताये गये हैं. [caption id="attachment_43183" align="alignnone" width="474"] बादाम[/caption] पिस्ता- यह एक तरफ से गुलाबी और दूसरी तरफ से पीले या सफेद रंग का होता है. ये कहीं अंजीर के आकार का, कहीं गोल  और कहीं अंडे की आकृति का होता है. इसका फल दो साल में एक बार आता है. पिस्ता शरीर को चिकनाई देता है और वीर्य को बढाता है. गरम प्रकृति का यह फल ताकत को बहुत बढाता है. इसको खाने से अनेक रोग भी दूर होते हैं. यह दुबलेपन को दूर करता है और गुर्दों की कमज़ोरी को मिटाता है. पिस्ता चबाने से मसूड़े मजबूत होते हैं. हैजा या प्लेग की शती में इस शकर के साथ मिलाकर खाना फायदा करता है.पिसते के छिलके भी बहुत उपयोगी होते हैं. इसके तेल से भी अनेक रोगों का इलाज होता है. [caption id="attachment_43184" align="alignnone" width="397"] पिस्ता[/caption] सब चीज़ें सबके लिए फायदेमंद नहीं हो सकतीं. ड्राई फ्रूट्स के मामले में भी यह बात लागू होती है. इन्हें भी अपनी रुचि और शरीर की अनुकूलता के अनुसार खाना चाहिए.