बदलती सोच का असर :- 30 साल से कम उम्र की महिलाओं में प्रेग्नेंसी की दर सबसे कम, पहले होना चाहती है आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर


स्टोरी हाइलाइट्स

बदलती सोच का असर :-  30 साल से कम उम्र की महिलाओं में प्रेग्नेंसी की दर सबसे कम, पहले होना चाहती है आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर आज की इस भागती हुई जिन्दगी में और दूसरों से आगे निकले की होड़ मैं जीवन में बहुत से बदलाब आये हैं| ये बदलाब सिर्फ पुरषों में ही नहीं बल्कि महिलाओं में ज्यादा दिख रहा है| अभी कुछ सालों से देखा जा रहा है की 40 साल की उम्र में महिलाओं के मां बनने का रेट तीन गुना बढ़ा है। एक सर्वे में पता चला है  कि इंग्लैंड और वेल्स में रहने वाली 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में फर्टिलिटी रेट ज्यादा है। वहां 1000 महिलाओं में से 16.5 प्रतिशत महिलाएं 40 के बाद मां बनना पसंद करती हैं। 20 साल पहले ये देर 5.3 थी| देखा जाये तो 20 सालों में ४० के बाद माँ बनने का रेट तीन गुना ज्यादा हो गया है | कुछ पुराने आंकड़े उठा केर देखे जाये तो पिछले साल 30 साल से कम उम्र की महिलाओं में माँ बनने की इच्छा बहुत कम दिखाई दे रही है | मातृत्व के लिए उपयुक्त माना जाता है मातृत्व दर में कमी आने  की वजह गर्भनिरोधक तरीकों का ज्यादा उपयोग हो सकता है। 70 की दशक में जहाँ मां बनने की उम्र जहां 26 साल थी, वहीं अब 30 साल की उम्र को या फिर उससे ज्यादा को मातृत्व के लिए उपयुक्त माना जाता है| इंग्लैंड और वेल्स इन दो देशों के फिलहाल जारी डाटा के अनुसार बच्चों  के जन्म की दर में लगातार गिरावट आ रही है। यहां पिछले साल 640,370 बच्चों का जन्म हुआ। 2012 में ये दर 12.2% थी और आज वहीं दर  2018 में 2.5% देखी गई। British pregnancy service  के हेड क्लेयर मरफी के अनुसार मां बनने की दर बढ़ने की वजह महिलाओं का घर से बाहर काम करना भी है। दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है अब महिलाएं हायर एजुकेशन के बाद मां बनने के बजाय अपने करिअर को संवारने और अच्छी job ढूँढने में समय देना पसंद करती हैं। इसके अलावा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने पर ही वे pregnancy के बारे में सोचती हैं। कोरोना काल में इन महिलाओं को रोजगार संबंधी कई दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते ये अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले कुछ सालों में भी कपल्स पहले फायनेंशियल क्राइसिस दूर करने काे महत्व देंगे। उसके बाद फैमिली प्लानिंग के बारे में सोचेंगे।