गजब गुणकारी गाजर- दिनेश मालवीय


स्टोरी हाइलाइट्स

The vegetable market is lined with carrots during the winter season. Vegetable vendors are selling carrots on a hand cart. Some innovative types of handlers

सर्दियों के मौसम में सब्जीबाजार गाजर से अटे पड़े हैं. ठेले पर सब्जी बेचने वाले आवाज़ लगा-लगाकर गाजर बेच रहे हैं. कुछ नवाचारी किस्म के ठेलेवाले तो गाजर के गुणों का बखान कर लोगों को घर से बाहर आकर गाजर खरीदने पर मजबूर कर रहे हैं. कुछ ने तो इन्हें कविता की पंक्तियों में ढाल लिया है. सचमुच गाजर है ही इतनी स्वादिष्ट और गुणकारी. इसे कच्चा भी खया जाता है और इसके अनेक प्रकार के पकवान भी बनते हैं. वैसे इसे कच्चा खाना अधिक लाभकारी होता है. जानकारों का कहना है कि इसके पीले भाग को नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे पित्तदोष, वीर्यदोष और छाती में जलन जैसी शिकायतें हो जाती हैं. पीला भाग खाने के 30 मिनट के अन्दर पानी पी लिया जाए तो खाँसी होने लगती है. गाजर का स्वाद मीठा, थोड़ा कसैला और हल्का कड़वापन लिए होता है. यह खून को साफ़ करती है, कफ निकालती है, वातदोष को नष्ट करती है और नस-नाड़ियों को भी मजबूत करती है. गाजर खाने से अफरा, बवासीर, पेट के रोगों, खाँसी, पथरी, पेशाब में जलन, आदि तकलीफों में फायदा होता है. गाजर के बीज गरम होते हैं. इसलिए गर्भवती महिलाओं को उनका उपयोग नहीं करने दिया जाता. इन्हें पचाना मुश्किल होता है. गाजर में केल्शियम और केरोटीन की अधिक मात्रा होने के यह बच्चों के लिए बहुत मुफीद होती है. गाजर आँतों के हानिकारक जन्तुओं को भी नष्ट करती है. इसमें विटामिन “ए” भी बहुत होता है, जिसके कारण यह नेत्ररोगों में में फायदा करती है. गाजर का हलवा तो सर्दियों में लगभग हर घर में बड़े चाव से खाया जाता है. यह बहुत लोकप्रिय डिश है, जो मेहमानों को भी सर्व की जाती है. कुछ होटल वाले भी गाजर का स्वादिष्ट हलवा बनाते हैं. गाजर में खून को साफ़ करने की बहुत क्षमता होती है. दस-पंद्रह दिन सिर्फ गाजर के रस पर रहने से रक्तविकार, गांठ, सूजन और त्वचा रोगों में लाभ होता है. गाजर में लोहतत्व भी काफी होता है. इसे खूब चबाकर खाना चाहिए, जिससे दांत मजबूत होने के साथ ही चमकीले भी होते हैं. मसूड़ों को भी मजबूती मिलती है. गाजर का सेवन दस्त, सूजन, खाज, आधासीसी, हिचकी, पाचन में गड़बड़ी, पेशाब में तकलीफ, नकसीर फूटने, ह्रदय रोग आदि में बहुत लाभदायक है. बहरहाल, भी, कहावत है कि किसी भी चीज की अति बुरी होती है. गाजर को भी अधिक खाने पर पेट में दर्द होने लगता है. ऐसा होने पर थोड़ा गुड़ का लिया जाना चाहिए. जिन लोगों की पित्त प्रकृति है, उन्हें गाजर सावधानी से खानी चाहिए.