अस्थमा से  आराम पाए , इन आहार का  इस्तेमाल कर इंफेक्शन, फ्लू और एलर्जी को दूर भगाएं  |


स्टोरी हाइलाइट्स

अस्थमा से  आराम पाए , इन आहार का  इस्तेमाल कर इंफेक्शन, फ्लू और एलर्जी को दूर भगाएं  |       अस्थमा रोगियों की डाइट इससे राहत पाने में काफी मायने रखती है. ऐसे में अस्थमा के रोगियों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं इसका काफी महत्व है. यहां हम बता रहे हैं अस्थमा के रोगी को क्या खाना चाहिए..   यह ऐसा समय जब अस्थमा के रोगियों (Asthma Patients) को खुद का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है. पूरी दुनिया कोरोना वायरस (Coronavirus) जूझ रही है. कई देशों में सैकड़ों में मौते कोरोना वायरस से हो गई है. भारत में भी आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. देश में अब तक 38 मौतें हो चुकी हैं वहीं 16,00 से भी ज्यादा मामले सामने आच चुके हैं. कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्तियों को सांस की समस्या (Respiratory Problems) की बातें सामने आ रही हैं. खास उन लोगों पर वायरस का प्रभाव ज्यादा हो रहा है जो सांस से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं या जिनको और कोई गंभीर बीमारी है. अस्थमा लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है, जिसे लंबे समय तक इलाज की जरूरत होती है. कई रोगी जब खुद को बेहतर महसूस करते हैं तो इंहेलर लेना छोड़ देते हैं. यह खतरनाक हो सकता है, क्योंकि आप उस इलाज को बीच में छोड़ रहे हैं, जिससे आप फिट और स्वस्थ रहते हैं.   रोगियों को इंहेलर छोड़ने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. अपनी मर्जी से इंहेलर छोड़ना जोखिमभरा हो सकता है. अस्थमा में सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, खांसी और घरघराहट होती है. इस अटैक का मुख्य कारण शरीर में मौजूद बलगम और संकरी श्वासनली है लेकिन इसके अलावा अस्थमा के अटैक के कई बाहरी कारण भी होते हैं, जिस वजह से दमे का अचानक अटैक पड़ता है. अस्थमा रोगियों की डाइट (Asthma Patients Diet) इससे राहत पाने में काफी मायने रखती है. ऐसे में अस्थमा के रोगियों को क्या खाना चाहिए (What To Eat In Asthma) और क्या नहीं इसका काफी महत्व है. यहां हम बता रहे हैं अस्थमा के रोगी को क्या खाना चाहिए..   बच्चों में अस्थमा की वजह बन सकती है हाई बीएमआई, रखें ध्यान   शोधकर्ताओं ने शोध प्रक्रिया में 10 साल तक के 4,435 बच्चों को शामिल किया था. इस दौरान उनके जन्म से पहले तीन साल तक उनके वजन और लंबाई पर नजर रखी गई. अस्थमा से राहत पाने में मददगार है ये फूड्स :-   विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थ   विटामिन सी में एंटी ऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो फेफड़ों की सुरक्षा करने में सहायक हो सकता है. एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग अधिक विटामिन सी युक्त पदार्थ खाते हैं, उन्हें अस्थमा का अटैक आने का खतरा कम होता है, इसलिए दमा के मरीजों को खासतौर से संतरा, ब्रोकली, कीवी जैसी चीजों को डाइट में शामिल करना चाहिए. अस्थमा के रोगियों को विटामिन सी से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए|   शहद दालचीनी का उपयोग   हालाकि शहद और चीनी की उपयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए लेकिन अस्थमा के मरीजों के लिए शहद और दालचीनी का सेवन काफी लाभप्रद माना जाता है. रात में सोने से पहले दो से तीन चुटकी दालचीनी के साथ एक चम्मच शहद मिलाकर नियमित रूप से लेने से फेफड़ों को आराम मिल सकता है.   रात को सोने से पहले एक गिलास पिएं इस चीज का जूस, कमजोर इम्यून सिस्टम होगा मजबूत!   तुलसी भी है फायदेमंद   तुलसी को आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है. तुलसी में भी एंटी ऑक्सीडेंट के गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ऐसे में अस्थमा में राहत के लिए चाय में दो से तीन पत्ते तुलसी के डालकर पीने से दमा के मरीजों में अटैक की आशंका कम हो सकती है. तुलसी शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर करने में भी फायेदेमंद मानी जाती है. साथ ही तुलसी मौसमी बीमारियों फ्लू और सर्दी खांसी से राहत दिलाने में भी फायदेमंद मानी जाती है.   दालें   दालें प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत मानी जाती हैं. काला चना, मूंग दाल, सोयाबीन और अन्य कई ऐसी दालें हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकती है. ये दालें फेफड़ों के लिए अच्छी मानी जाती है. इसलिए दमा के मरीजों को इनका सेवन नियमित मात्रा में करना चाहिए.  इसके अलावा दालों के सेवन से पाचन शक्ति भी मजबूत हो सकती है.   हरी सब्जियां   फेफड़ों के लिए हरी सब्जियां काफी फायदेमंद होती हैं. हरी सब्जियों को खाने से फेफड़ों में कफ जमा नही हो पाता है, जिससे अस्थमा के रोगियों को अटैक आने जैसी आशंकाएं कम हो जाती है. हरी सब्जियों का सेवन करने से इम्यून सिस्टम भी बेहतर हो सकता है |