भगवान या विज्ञान का चमत्कार : शरीर के बहार धड़कता है दिल  


स्टोरी हाइलाइट्स

Till date, you must have seen very amazing types of human beings in the world.

भगवान या विज्ञान का चमत्कार : शरीर के बहार धड़कता है दिल  
आज तक आपने दुनिया में बहुत ही अजब- गजब प्रकार के इंसान देखें होंगे। मगर इन सब में आपने ये देखा होगा के इनके शरीर की बनावट अलग तरह की होगी। जैसा की हम जानते हैं के इंसान का दिल एक ऐसा अंग है जो सबसे ज्यादा जरुरी है। आज की इस भाग दोड वाली जिन्दगी में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हार्ट अटैक सो हो रही है। जिसका कारण है उसकी सही देख रेख नहीं करना।

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Selwa Hussain with her portable heart.[/caption]
मगर आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपना दिल बैग में लेकर घूमती है। आपने अभी तक इंसान के सीने में दिल धड़कते हुए तो सुना है, लेकिन आपने कभी ये सुना है कि कोई इंसान बैग में दिल लेकर घूमता है। जी हां, यह बात बिल्कुल सही है। आज आपको एक ऐसी रियल स्टोरी बताने जा रहे हैं, जिसे जानकार आप इसपर शायद ही विश्वास करोगे। हम बात करें हैं सलवा हुसैन की जो बिना दिल की महिला है। वह एक ऐसी महिला हैं जो अपने कृत्रिम दिल ( Artificial Heart)को बैग में रखकर अपनी जिन्दगी बिता रही हैं।

दिल हमेशा बैग में रहता है 
जानकारी के अनुसार,ब्रिटेन में रहनी वाली '39 साल की सलवा हुसैन अपने दिल को बैग में रखकर रहती हैं। सेल्वा हुसैन, इलफ़र्ड, पूर्वी लंदन में रहती हैं , 27 जून 2017 को उनका पूरा कृत्रिम दिल प्रत्यारोपित किया गया था। वह एकमात्र ऐसी महिला है जो  इस तरह से रहती हैं। सलवा हुसैन की शादी से उनके दो बच्चे हैं। उनकी हमेशा से कोशिश रहती है के वो भी वाकी लोगों की तरह एक सामान्य जीवन जी सकें। लेकिन उनके साथ एक चुनौती भी रहती है। जिस बैग में उनका दिल रहता है उसको उनको हमेशा अपने साथ रखना होता है और उसका बहुत ज्यादा ध्यान भी रखना पड़ता है । 


कृत्रिम दिल चलता है बैटरी की मोटर से 
सलवा के सीने में पावर प्लास्टिक चेम्बर्स लगें हैं। इससे 2 पाइप बाहर निकलते हैं। इसमें एक पंप भी लगा हुआ है जिसकी मोटर बैटरीयों से निर्मित बिजली से चलती है और उन चेम्बर्स को हवा देता है। इस हवा के द्वारा चेम्बर्स दिल की तरह काम करते और पूरे शरीर को खून प्रदान करते हैं, इसमें चेम्बर सलवा के सीने के अंदर है जबकि पंप, मोटर और बैटरियां बाहर हैं। यह तीनों चीजें सलवा अपने बैग में साथ रखती हैं। इस डिवाइस में दो बैटरी जिनका वजन 6.8 किलो हैं।



बैटरी का रहता है हमेशा खतरा 
सलवा हुसैन के पति अल हमेशा इस चिंता में  घिरे रहते हैं कि कहीं बैटरी अचानक काम करना बंद ना कर दे क्योंकि उन बैटरी को  बदलने के  लिए सिर्फ 90 सेकंड का समय होता है। इस डर के साथ और  इन सब परेशानियों के बावजूद भी सलवा खुशी से जी रही हैं।


दूसरों के लिए रोल मॉडल है सलवा
जब भी इंसान के जीवन में ऐसे समस्याएं आती हैं तो वह दुखी हो जाते हैं और आत्महत्या करने की सोचते हैं। ऐसे में दूसरे लोगों के सामने सलवा हुसैन एक प्रेरणा की तरह काम करती है। वह सिखाती हैं की ख़ुशी से जीने वालों के सामने बड़ी से बड़ी परेशानी छोटी लगने लगती है।