कोरोना से जुड़ी अच्छी खबर / महिला वैज्ञानिक ने बेटी को जन्म देने से 4 घंटे


स्टोरी हाइलाइट्स

कोरोनावायरस की स्वदेशी किट तैयार करने वाली कंपनी ने दावा किया है वह 1 हफ्ते में एक लाख किट की सप्लाई कर देगी भारत में बनी टेस्टिंग किट की कीमत 1200 रुपए

कोरोना से जुड़ी अच्छी खबर / महिला वैज्ञानिक ने बेटी को जन्म देने से 4 घंटे पहले स्वदेशी टेस्टिंग किट तैयार की, यह विदेशी किट के मुकाबले 4 गुना सस्ती मीनल दखावे भोंसले और इनकी टीम ने 6 हफ्ते के भीतर ही कोरोनावायरस की टेस्टिंग किट तैयार की। कोरोनावायरस की स्वदेशी किट तैयार करने वाली कंपनी ने दावा किया है वह 1 हफ्ते में एक लाख किट की सप्लाई कर देगी भारत में बनी टेस्टिंग किट की कीमत 1200 रुपए, एक किट से 100 सैंपल की जांच हो सकेगी, यानी 1 सैंपल जांचने का खर्च 12 रुपए नई दिल्ली. कोरोनावायरस के खिलाफ भारत अब और मजबूती से जंग लड़ेगा। इसकी वजह कोरोना का टेस्ट करने वाली पहली स्वदेशी किट है, जिसे एक महिला वायरोलॉजिस्ट ने तैयार किया है। वह भी अपनी बच्ची को जन्म देने से महज 4 घंटे पहले। इनका नाम है मीनल दखावे भोंसले। मीनल उसी मायलैब डिस्कवरी की रिसर्च और डेवलपमेंट प्रमुख हैं, जिसने यह किट तैयार की है। उन्होंने गर्भावस्था के दौरान ही फ़रवरी में टेस्टिंग किट प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था। 2 दिन पहले ही मायलैब डिस्कवरी को टेस्टिंग किट तैयार करने और उसकी बिक्री की अनुमति मिली है। यह देश की पहली ऐसी फर्म है, जो कोरोनावायरस किट बेचेगी। इस किट की कीमत 1200 रुपए है। हर किट से 100 सैंपल की जांच हो सकती है। यानी एक सैंपल को जांचने का खर्च केवल 12 रुपए होगा जबकि विदेशी किट की कीमत 4,500 रुपए है। मीनल ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में किट तैयार करने की पूरी कहानी बताई। उन्होंने बताया कि 18 मार्च को टेस्टिंग किट की परख के लिए इसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को सौंपा। उसी शाम को यानी अस्पताल जाने से पहले, उन्होंने इस किट के प्रस्ताव को भारत के फ़ूड एंड ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी(सीडीएससीओ) के पास व्यवसायिक मंजूरी के लिए भेजा। इसी शाम उन्होंने बेटी को जन्म दिया। वह इस उपलब्धि से बहुत खुश हैं। ढ़ाई घंटे में संक्रमण की जांच हो सकती है मीनल के मुताबिक, हमारी किट कोरोनावायरस संक्रमण की जांच ढाई घंटे में कर लेती है, जबकि विदेशी किट में 6 से 7 घंटे का वक्त लगता है। यह किट काफी कम समय में तैयार हुई। आमतौर पर ऐसी किट को तैयार करने में तीन से चार महीने का वक्त लगता है। लेकिन, मौजूदा हालात में हमारे पास वक्त कम था। ऐसे में हमारी टीम ने इसे चुनौती के तौर पर लिया और 6 हफ्ते में इसे तैयार कर दिया। लैब के डायरेक्टर डॉ. वानखेड़े भी मीनल के जज्बे की तारीफ करते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पास बेहद कम समय था। हमारी साख का सवाल था। लेकिन, पहली बार में ही सबकुछ ठीक रहा क्योंकि टीम का नेतृत्व मीनल कर रही थीं। अभी पुणे, मुंबई, दिल्ली, गोवा में 150 टेस्ट किट की सप्लाई हुई केंद्र सरकार से ब्रिक्री के लिए मंजूरी मिलते ही मायलैब ने टेस्टिंग किट की सप्लाई शुरू कर दी। फर्म के मेडिकल मामलों के निदेशक डॉ. गौतम वानखेड़े ने बताया कि अभी पुणे, मुंबई, दिल्ली, गोवा और बेंगलुरु में 150 टेस्ट किट की सप्लाई की गई है। टीम अब ज्यादा से ज्यादा किट तैयार करने में जुट गई है। सोमवार तक बड़ी संख्या में इसकी सप्लाई की जाएगी। कंपनी का दावा- एक हफ्ते में 1 लाख किट तैयार हो जाएगी मायलैब डिस्कवरी एक मॉलिक्यूलर डायगनॉस्टिक कंपनी है। यहां एचआईवी, हेपिटाइटिस-बी, सी सहित कई अन्य बीमारियों के लिए भी टेस्टिंग किट तैयार की जाती है। कंपनी ने दावा किया है कि वह एक सप्ताह के अंदर एक लाख कोरोनावायरस टेस्ट किट की सप्लाई कर देगी। ज़रूरत पड़ने पर दो लाख टेस्टिंग किट भी तैयार कर सकती है। आईसीएमआर ने काम को सराहा कोविड-19 टेस्टिंग किट को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को परखने के लिए भेजने से पहले मीनल और उनकी टीम ने अलग-अलग मापदंडों पर इसे कई बार जांचा, ताकि नतीजे सटीक निकलें। मीनल ने बताया कि अगर आपको किसी सैंपल के 10 टेस्ट करने हों तो सभी नतीजे एक जैसे होने चाहिए। कई बार जांच के बाद हमने यह परफेक्शन हासिल किया। आईसीएमआर ने कहा कि मायलैब भारत की इकलौती कंपनी है, जिसकी टेस्टिंग किट के नतीजे 100 फीसदी सही हैं।