केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक एडवाइजर की  सलाह… खांसी और छींक से 10 मीटर तक फैल सकता है कोरोना 


स्टोरी हाइलाइट्स

केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक एडवाइजर  के महकमे ने सरल दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जिनका पालन आसानी से किया जा सकता है |

कोरोना (कोविड-19) के फैलाव की रोकथाम के लिये इंफेक्शन को रोका जाये, पेंडेमिक  का मुकाबला किया जाये, मास्क, सामाजिक दूरी, स्वच्छता का पालन और घरों को हवादार रखा जाये केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक एडवाइजर  के महकमे ने सरल दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जिनका पालन आसानी से किया जा सकता है। इसके तहत कहा गया है कि कोरोना (कोविड-19) के फैलाव की रोकथाम के लिये इंफेक्शन को रोका जाये, पेंडेमिक  का मुकाबला किया जाये, मास्क, सामाजिक दूरी, स्वच्छता का पालन किया जाये और घरों में हवा के आने-जाने की व्यवस्था हो। भारत में पेंडेमिक  की भीषणता को देखते हुये हमें यह याद रखना चाहिये कि साधारण उपायों और व्यवहार से हम कोरोना (कोविड-19) के फैलाव को रोक सकते हैं। एडवाइजरी में हवादार स्थानों के महत्त्व को रेखांकित किया गया है। घरों में हवा आने-जाने की समुचित व्यवस्था होने से वायरल लोड कम होता है, जबकि जिन घरों, कार्यालयों में हवा के आने-जाने का उचित प्रबंध नहीं होता, वहां वायरल लोड ज्यादा होता है। हवादार स्थान होने के कारण इंफेक्शन एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने का रिस्क कम हो जाता है। जिस तरह खिड़की-दरवाजे खोलने से हवा के जरिये महक हल्की हो जाती है, उसी तरह एक्जॉस्ट प्रणाली, खुले स्थान और हवा के आने-जाने की व्यवस्था से हवा में व्याप्त वायरल लोड कम हो जाता है और इंफेक्शन का रिस्क घट जाता है। हवा के आने-जाने की व्यवस्था एक बेहतरीन सुरक्षा है, जिसके कारण घरों और दफ्तरों में हमें सुरक्षा मिलती है। कार्यालयों, घरों और बड़े सार्वजनिक स्थानों को हवादार बनाने से बाहर की हवा मिलती है। इसलिये ऐसा करने की सलाह दी जाती है। शहरों और गांवों, दोनों जगह ऐसे स्थानों को हवादार बनाने के उपाय तुरंत किये जाने चाहिये। इसी तरह घरों, कार्यालयों, कच्चे घरों और विशाल इमारतों को भी हवादार बनाने पर जोर दिया जाना चाहिये। पंखों को सही जगह लगाना, खिड़की-दरवाजे खोलकर रखना बहुत सरल उपाय हैं। अगर थोड़ी सी भी खिड़की खोलकर रखी जाये, तो उतने भर से ही बाहर की हवा मिलेगी और भीतर की हवा की गुणवत्ता बदल जायेगी। क्रॉस-वेंटीलेशन और एक्जॉस्ट फैन से भी रोग के फैलाव को रोका जा सकता है। जिन बड़ी इमारतों में हवा के लिये कोई प्रणाली लगी हो, वहां हवा को साफ रखने और हवा के बहाव को बढ़ाने के लिये फिल्टर लगाये जाने चाहिये। इससे बाहर से सीमित मात्रा में आने वाली हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है। दफ्तरों, प्रेक्षाग्रहों, शॉपिंग मॉल आदि में गेबल-फैन प्रणाली और रौशनदानों की सिफारिश की जाती है। फिल्टरों को लगातार साफ करना चाहिये और जरूरत हो, तो उन्हें बदल देना चाहिये। यह बहुत जरूरी है। कोविड वारयस हवा के जरिये फैलता है। जब कोई संक्रमित बोलता, गाता, हंसता, खांसता या छींकता है, तो वायरस थूक या नाक के जरिये हवा में तैरते हुये स्वस्थ व्यक्ति तक पहुंच जाते हैं। इंफेक्शन के फैलने का यह पहला जरिया है। जिन व्यक्तियों में रोग के कोई भी लक्षण न हों, उनसे भी इसी तरह इंफेक्शन फैलता है। ये लोग वायरस फैलाते हैं। इसलिये लोगों को दो मास्क या एन 95 मार्का मास्क पहनना चाहिये। कोरोना (कोविड-19) का वायरस मानव शरीर में घुसकर अपनी तादाद बढ़ाता जाता है। अगर उसे मानव शरीर न मिले, तो वह जीवित नहीं रह सकता। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक इंफेक्शन को रोकने से विषाणु मर जाता है। यह काम व्यक्तियों, समुदायों, स्थानीय निकायों और अधिकारियों के सहयोग और समर्थन से संभव हो पायेगा। मास्क, हवादार स्थान, सामाजिक दूरी और स्वच्छता ऐसे हथियार हैं, जिनसे हम वायरस के खिलाफ जंग जीत सकते हैं। Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से.