विसमता ही विष है। एडवर्स नेचर को फेवर में कैंसे करें?


स्टोरी हाइलाइट्स

गुण या अवगुण इस बात पर निर्भर होता है कि हम उन पदार्थों का उपयोग कैसे और किस मात्रा में करते हैं। हम अपने व्यवहार (उपयोग) से ही संसार के किसी पदार्थ या पुरुष को अपने लिए अमृत या विष बना सकते हैं। जैसे - घी और शहद समान मात्रा में मिलाने पर विष बन जाता है, खाया हुआ आहार ठीक से न पचने पर विष होजाता हैl अभ्यास न करने पर विद्या विष हो जाती है, वृद्ध पुरुष के लिए युवा पत्नी विष हो जाती है, कटु वचन बोलने से वाणी विष हो जाती है, विद्यार्थी के लिए आलस्य विष हो जाता है, तरुणी विधवा के लिए कामवासना विष हो जाती है, पत्नी के लिए नपुंसक पति विष हो जाता हैl Lifestyle-Newspuran कुल्टा पत्नी पति के लिए विष हो जाती है, अति भोग विलास स्त्री-पुरुष के लिए विष हो जाता है, अवज्ञाकारी और मूर्ख पुत्र पिता के लिए विष हो जाता है, कर्ज लेने वाला व्यसनी पिता सन्तान के लिए विष हो जाता है, मूढ़ और आलसी शिष्य गुरु के लिए विष हो जाता है, निर्धन के लिए महत्वाकांक्षा विष हो जाती है और 'अति' करना सबके लिए विष हो जाता है। Life-sensex-newspuran