समय का मोल और पैसे की कीमत बुरे वक्त में ही पता चलती है| इसलिए दोनों का सदुपयोग हो| इसका मतलब ये नहीं है कि आप अपने जीवन को नीरस बना दे या आनंददायक गतिविधियों से खुद को दूर कर ले| जो चीजें गैर जरूरी है उनकी पहचान बहुत जरूरी है| अच्छे जीवन के लिए आवश्यक चीजों में कटौती नहीं, और जो जीवन को किसी भी तरह से हेल्प नहीं करती उनमे तत्काल कटौती| बेतरतीब पैसे खर्च करके रिश्तों को नहीं संवारा जा सकता| रिश्तो के लिए समय चाहिए “क्वालिटी टाइम’ हम अपने बच्चे के साथ घर पर या सार्वजनिक पार्क में खेलकर भी अच्छे रिश्ते बिल्ड कर सकते हैं| मॉल में ले जाकर उन्हें पैसों से जुड़ी गतिविधि में उलझा दें और खुद फोन में लगे रहे तो ये इन्वेस्टमेंट आपके किसी काम का नहीं| हमें भोजन की जरूरत है लेकिन भोजन की थाली पौष्टिक होने की बजाए महंगी है और उसमें ऐसी तमाम चीजें हैं जो सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं तो यह पैसे की फिजूलखर्ची है और कीमती शरीर के साथ दुराचार| यदि ऐसा है तो “धन” से अच्छी जिंदगी में नकारात्मक योगदान हो रहा है| एक स्वस्थ व्यक्ति को कितने ड्राई फ्रूट्स की जरूरत है? और यदि पैसा बहुत ज्यादा है हम दिन भर ड्राई फ्रूट्स खाते रहे तो क्या होगा? घी, दूध, दही, ड्राई फ्रूट्स, कितना ही पैसा हो सीमित मात्र में ही खाए जा सकते हैं| संतुलित और कम भोजन ही सेहत का राज़ है| इसलिए खानपान में कहाँ कहाँ कटौती कर सकते हैं? अमीर हैं तो और कटौती करें, धन से जुटाई सुविधाएं शारीरिक श्रम घटा देती हैं| समय कहाँ कहाँ बर्बाद होता है? न्यूज़ पेपर में क्या पढना है क्या नही| जो नहीं पढना उसे हैडिंग देखकर ही इग्नोर कर दें| टीवी देखते वक्त चैनल बदलते हुए टाइम वेस्ट कार्यक्रम में न अटक जाएँ| मोबाइल देखते वक्त मेल, नोटिफिकेशन में न उलझ जाएँ| हर जगह समय और पैसे की बचत हो सकती है| अन्य चीजें जिन्हें मैं कम या बंद कर सकता हूं? फिल्मों में जाना (मैं अब शायद ही ऐसा करता हूं) मिठाइयाँ, जैसे पेस्ट्री या बेक्ड माल या कैंडी खिलौने ( जो बहुत मज़ेदार हैं, लेकिन ज़रूरी नहीं) नई किताबें बाहर खाना और कुछ चीजें जिनके बारे में मुझे सोचने की ज़रूरत है: केबल इंटरनेट सेल फोन कब कब बंद या दूर रखा जा सकता है? कहाँ कटौती हो सकती है कुल मिलाकर, बहुत कुछ काटा जा सकता है| आपके पास करने के लिए बहुत कुछ है, पैसा ज्यादा है तो भी समय बच रहा है तो भी| ये करके आपको बहुत कुछ मिलगा| जब हासिल होगा तो कहेंगे| वाह मज़ा आ गया|