पीरियड्स के उन पांच दिनों में कैसे रखें अपना ख्याल? Menstrual Hygiene: Hygiene is very important during menstruation


स्टोरी हाइलाइट्स

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पीरियड्स को लेकर इतनी जागरुकता होने के बाद भी लड़कियां इस पर खुलकर बाद करने पर संकोच करती हैं। ये ऐसे दिन होते है। जब एक लड़की शारीरिक के साथ-साथ मानसिक समस्या से भी गुजरती हैं। ऐसे में साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। जिससे कि इंफेक्शन के साथ-साथ उसकी इनफर्टिलिटी से संबंधी कोई समस्या न हो।

पीरियड्स के समय में ऐसे रखें साफ-सफाई का ध्यान

पीरिड्स के समय में हर 5 घंटे के अंदर अपना पैड बदलना चाहिए। वहीं जो लड़कियां टैम्पॉन का यूज करती हैं वो हर 2 घंटे में इसे बदले।
लगातार समय-समय पर अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई करती रहें। जिससे कि पीरियड्स से आने वाली गंध से छुटकारा मिले।
पीरिड्स के समय शरीर में बहुत अधिक दर्द होता है। इसलिए इस समय पर गर्म पानी से नहाएं। इससे आपके शरीर को लाभ मिलेगा।
इन दिनों अपने बिस्तर की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही समय-समय पर बेडशीट बदलते रहें। जिससे कि इंफेक्शन से बच सकें।
वहीं समय-समय पर अपनी अंडरवियर भी चेंज करते रहें।
Menstrual Hygiene Day In Hindi: Theme And History Know What To Do ...
अपनी बात को स्पष्ट रूप से कहने में संकोच और हिचक के चलते महिलाओं में तमाम शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। ऐसी ही एक समस्या है यूरिनरी ट्रेैक्ट इन्फेक्शन( यूटीआई)। यूटीआई से हर साल लाखों लोग प्रभावित होतेे हैं जिसमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा होती है। महिलाओं द्वारा कम पानी पीने और बहुत अधिक समय तक यूरिन (पेशाब) रोकने के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है। मासिक धर्म के दौरान संक्रमण की यह समस्या और भी बढ़ जाती है। इसके समाधान के लिये यह जरूरी है कि महिलाएँ मासिक धर्म में साफ-सफाई को लेकर सजग रहें, साथ ही अन्य दिनों में भी इसमें कोताही न बरतें।

महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म के दर्द से गुजरना पड़ता है। इसके साथ ही उन्हें हाइजीन का भी पूरा ख्याल रखने की जरूरत होती है जिससे कि भविष्य में उन्हें किसी भी गंभीर रोग का सामना न करना पड़े। पीरियड्स के दौरान महिलाएं असहनीय दर्द से गुजरती हैं, जैसे पेट में ऐंठन, कमर दर्द, बॉडी पेन आदि। इसी के साथ ही उनमें मूड स्विंग्स भी देखे जाते हैं, वहीं महिलाओं के हार्मोन्स में बदलाव का उनके खान-पान से सीधा असर होता है। खासकर पीरियड्स के दौरान अपनी डाइट पर विशेषतौर पर ध्यान देने की जरूरत होती है लेकिन अक्सर महिलाएं इसे नजरअंदाज करती हैं। आइए जानते हैं कुछ आयुर्वेदिक डाइट टिप्स जिसको अपनाकर आप पीरियड्स में होने वाले दर्द से छुटकारा पा सकती हैं।

आप पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाने के लिए रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध पी सकती हैं। यह आपको दर्द से निजात दिलाने में मददगार है।

इस दौरान ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करें जिनमें अत्यधिक मात्रा में वसा पाई जाती है, जैसे वसायुक्त मांस। इनमें सैचुरेटेड फैट्स बहुत ही अधिक मात्रा में पाया जाता है।
हर्बल चाय को अपनी डाइट में शामिल करें। इसके लिए आप 1 चम्मच अदरक का पावडर लें। इसे गर्म पानी में मिला लें और आप इस दौरान पीएं।

पीरियड्स के दर्द में आप 1 चम्मच एलोवेरा जेल लीजिए। इसमें 1 चुटकी दालचीनी का पावडर मिलाएं और इसे लें।

जीरे का पानी या चाय भी उन दिनों में दर्द से राहत दिलाने में मददगार है। पानी में जीरे को उबालकर आप इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। यह कोशिकाओं की जकड़न से भी निजात दिलाएगा।

अपनी डाइट में जीरा, मैथी, कालीमिर्च, लौंग, धनिया और पुदीना जैसे मसालों को शामिल करें।
क्या है यूटीआई
यूटीआई यानी यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन महिलाओं को होेने वाली एक सामान्य परेशानी है। ज्यादातर महिलाओं को अपने जीवनकाल में कभी-न-कभी इस परेशानी का सामना करना पड़ता है। कुछ महिलाओं मे यूटीआई की समस्या जल्दी-जल्दी होती है। ऐसे में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है। यूटीआई की समस्या जीवाणु (बैक्टीरिया) के कारण पैदा होती है। इस समस्या में बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से होते हुए यूरिनरी ब्लैडर तक पहुँच जाते हैं और संक्रमण फैलाते हैं। यहाँ तक कि कई बार ब्लैडर में सूजन जैसी समस्या भी हो जाती है।
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महिलाएँ ज्यादा प्रभावित क्यों
यूटीआई किसी को भी हो सकती है लेकिन इससे सबसे ज्यादा महिलाएँ प्रभावित होती हैं। महिलाओं में पुरूषों की अपेक्षा यूरेथ्रा छोटा होने की वजह से बैक्टीरिया यूरिनरी ब्लैडर को जल्दी प्रभावित करते हैं। गन्दे शौचालयों, खुले में शौच अथवा समय पर यूरिन न करने जैसे कारणों से भी बड़ी संख्या में महिलाएँ इसकी शिकार हो जाती हैं। साफ-सफाई की कमी से यह हर आयु वर्ग की महिलाओं को हो सकता है परन्तु मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का कम होना भी इसका एक कारक है।
जरूरी है निरन्तर सफाई 1. मासिक धर्म के दौरान नियमित अन्तराल पर सफाई रखना आवश्यक है। हर तीन से चार घंटे पर सैनेटरी नैपकिन बदलती रहें। गन्दे नैपकिन से बैक्टीरिया जल्दी फैलते हैं। 2. कई बार घर से बाहर होने की वजह से महिलाएँ शौचालय का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। इस कारण उन्हें कई घंटे तक यूरिन रोकनी पड़ती है। ऐसी स्थिति न आने दें। यूरिन को ज्यादा देर तक रोकने से जीवाणुओं को पनपने का मौका मिलता है। 3. यूटीआई के दौरान मासिक धर्म के शुरू होने से खतरा और बढ़ जाता है। ऐसे में जननांगों को साफ पानी की मदद से नियमित रूप से समय-समय पर साफ करती रहें। 4. यूटीआई के दौरान मासिक धर्म का स्राव तेज होने से सैनेटरी नैपकिन जल्दी गीला हो सकता है। इसे समय पर बदलें और आरामदायक नैपकिन का इस्तेमाल करें। 5. 30 प्रतिशत मामलों में यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण की वजह से प्रसव और गर्भधारण में भी समस्या होती है। 6. 79 प्रतिशत के करीब ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को होने वाली बीमारियाँ मासिक धर्म में स्वच्छता न अपनाए जाने की वजह से होती हैं, तो वहीं शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएँ स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियाँ जानती तो हैं मगर इसके प्रति जाँच के मामले में गम्भीर नहीं हैं (फॉग्सी की ओर से हुए अध्ययन के अनुसार) 7. 10 प्रतिशत पानी के सेवन की मात्रा बढ़ा देने से यूटीआई की समस्या से मिल सकती है राहत। 8. 40 की उम्र के बाद पुरूषों में जहाँ यूटीआई की समस्या देखने को मिलती है, वहीं महिलाएँ कई कारणों की वजह से कम उम्र में ही इसकी शिकार होने लगती हैं।
Know that unhygienic menstrual practices can cause reproductive tract infections among adolescent girls and women. These videos focus on social and behaviour change communication and are made for individual and small group viewing, learning and discussion. They are designed to be used as interpersonal communication tools by communities and frontline workers in giving out important information to women and caregivers. Key Messages ---------------------- You should follow hygienic practices during menstruation. Not doing so can result in you getting fungal infections. Repeated infections lead to serious reproductive tract infections and can cause infertility in the long term. You should bathe regularly, use clean and dry feminine hygiene products such as cloth or sanitary napkins and change them regularly during menstruation. If you are using cloth it is important that you regularly wash them with soap and water and dry them completely in the sun before use as damp clothing can carry germs that can lead to infections. The school that your daughter goes to should have separate, safe latrines for girls and boys. The girls' latrine in particular needs access to water and soap so girls can appropriately clean themselves during menstruation and there should also be provisions for girls' sanitary napkins to be disposed of in a refuse pit or collected and burned. Discussions and Frequently Asked Questions ------------------------------------------------------------------ It is important to let our young girls know about these hygienic practices which can help them stay healthy Key Response: Hygiene is very important during menstruation. Shyness prevents us from letting them know the proper hygiene practices. It is our duty to take care of our girls. If we need more information we should consult the ANM, ASHA or AWW. How to keep cloth napkins clean? Key Response: Do not use a wet or damp cloth. Always wash it with soap and water and dry it well in sunlight. Is there anything else we can do to help them during menstruation? Key Response: Make sure there is a separate toilet for them in school, soap and water to wash themselves with, and provisions for girls' sanitary napkins to be disposed of in a refuse pit or collected and burned. Since there is a loss of blood- girls can be given extra iron rich foods (or iron tablets) at this time to help make up for the loss and prevent anaemia.