अजब गजब सजाएं (किसी को कुछ सेकण्ड की तो किसी को हजारों साल की सजा) -दिनेश मालवीय


स्टोरी हाइलाइट्स

अजब गजब सजाएं -दिनेश मालवीय किसी को कुछ सेकण्ड की तो किसी को हजारों साल की सजा हाल ही में मशहूर वकील और एक्टिविस्ट प्रशांतभूषण को अदालत की तौहीन के मामले में एक रूपये का जुर्माना भरने की सजा सुनाई गयी. यह बात पूरे देश में चर्चा का विषय बन गयी. बहुत से लोगों को यह बहुत अजीब बात लगी. इस पर तरह-तरह के कमेंट्स आ रहे हैं. लेकिन आधुनिक समय में दुनियाभर में अदालतों ने अनेक मामलों में ऐसी-ऐसी सजाएं सुनाई हैं, जिन पर ताज्जुब होना बहुत ताज्जुब की बात है. किसी मुजरिम को सेकण्ड भर तक जेल में रहने के सजा सुनाई गयी तो किसीको हजारों वर्ष की कैद की सजा दी गयी. आइये हम जानते हैं इन रोमांचक और रोचक सजाओं के बारे में. हमारे अपने ही देश की मशहूर लेखिका, बुकर पुरस्कार से सम्मानित तथा एक्टिविस्ट अरुंधती राय को एक मामले में एक दिन जेल में रहने की सजा दी गयी. यह ‘सांकेतिक’ सजा उन्हें भी अदालत की तौहीन के मामले में दी गयी. उन्हें एक दिन तिहाड़ जेल में गुजारना पड़ा और 2,000 रूपये का जुर्माना भी भरना पड़ा. राय ने  यह कह दिया था कि “असहमति की आवाज को दबाया जा रहा है”. उन्होंने अपने इस बयान पर कोई खेद या पछतावा नहीं जताया. संयोग से इस मामले में उनके वकील प्रशांतभूषण ही थे. इस मामले में अपना पड़ोसी  पाकिस्तान भी पीछे नहीं है. वहाँ के सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 में उस वक्त के प्रधानमंत्री युसूफ रज़ा गिलानी को अदालत की तौहीन का दोषी मानते हुए उन्हें 30 सेकंड की सजा सुनाई थी. उन्होंने उस वक्त के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी के खिलाफ एक पुराने भ्रष्टाचार के मामले को फिर से खोलने से मना कर दिया था. उन्हें यह सजा दी गयी कि अदालत के मुल्तवी होने तक वह कटघरे में ही खड़े रहेंगे. सजा सुनाने वाले सात जज सिर्फ 30 सेकण्ड बाद अदालत से चले गये. लिहाजा यह सजा 30 सेकण्ड भर की थी. भारत के ही केरल राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री ईएमएस नम्बूदरीपाद को 1970 में अजीब सजा मिली थी. उन पर जुर्माना किया गया था. दरअसल नम्बूदरीपाद ने यह टिप्पणी कर दी थी कि “मार्क्स और एंजेल्स न्यायपालिका को दमन का माध्यम मानते थे और जज लोग वर्ग पूर्वाग्रह से ग्रसित होते हैं.” मुख्यमंत्री पर 50 रूपये का जुर्माना केरल हाईकोर्ट ने उन्हें अदालत की तौहीन का दोषी माना. उस समय जस्टिस हिदायतुल्ला सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस थे. सुप्रीमकोर्ट ने भी केरल हाईकोर्ट के निर्णय को सही ठहराया, लेकिन जुर्माने को कम करके 50 रूपये कर दिया. आपको एक और बहुत अजीबो गरीब सजा के बारे में जानकार बहुत हैरानी होगी और मजा भी आएगा. कोलोराडो में जज पॉल सेक्को ने आदतन बहुत जोर से संगीत बजाने वालों को अजीब सजा थी. दरअसल बार-बार मना  करने पर भी ऐसे लोग दूसरों को परेशान करने वाली इस हरकत से बाज नहीं आ रहे थे. यह बात सन 2008 की है. जज ने आदेश दिया कि वह अपने की संगीत को फुल वोल्यूम ख़ुद एक घंटे तक सुनें.इसमें वह थीम सॉंग भी था जो बच्चों के शो Barney and Friends में शामिल था. इसका बड़ा असर हुआ. जज के अनुसार इसके बाद बार-बार इस तरह की हरकत करने वालों की संख्या में कमी आयी. वर्ष 2002 की बात है. मशहूर लेखक जेफरी आर्चर पहले से ही झूठी गवाही के एक मामले में सजा भुगत रहे थे वह एक नईं परेशानी में पड़ गये. जेल में रहने के दौरान अपने अनुभवों की अपनी डायरी में उन्होंने जेल की गाइडलाइन्स का उल्लंघन करते हुए अपने साथी कैदियों और उनके द्वारा किये गये अपराधों के बारे में बता दिया. जेल के गवर्नर ने उन्हें एक बहुत सांकेतिक सजा यह दी कि उनका जेल में मिलने वाला दो सप्ताह का भत्ता नहीं मिलेगा. इस दौरान उन्हें केन्टीन से कुछ भी एक्स्ट्रा खरीदने की अनुमति भी नहीं दी गयी. 50 मिनट की जेल यूके के इतिहास में शेन जेन्किन्स को 50 मिनट की जेल की सजा भुगतनी बड़ी, जो वहाँ अब तक की सबसे कम अवधि की सजा है. आखिर  समरसेट के इस युवक का जुर्म क्या था? वह अपने एक पूर्व पार्टनर की  खिड़की एक झाडू से तोड़ दी और भाग गया. जज ने उससे कहा कि वह यह 50 मिनट का वक्त क्षमा-पत्र लिखने में बिठाये. 14 लाख साल से ज्यादा की सजा आपने अभी बहुत कम अवधि की सजाओं के बारे में देखा. अब देखिये कि कुछ लोगों को लाखों साल की सजा भी मिली है. बात बहुत पुरानी नहीं है. वर्ष 1989 में थाईलैंड की केमोय थिप्यासो को एक पिरामिड सकेम में 14 लाख 1 हजार 78 साल की सजा मिली. इस स्केम में 16 हज़ार 231 लोगों को 2 मिलियन डॉलर का चूना लगाया गया था. किस्मत से थाई क़ानून के अनुसार सजायाफ्ता मुजरिम को ज्यादा से द्यादा 20 साल ही जेल के सीखचों के पीछे बिताने की सीमा थी. 42 हजार 924 साल की जेल वर्ष 2004 में मेड्रिड के आतंकवादी ओटमन एल नाउइ  को 42 हज़ार 924 साल कल की सजा मिली. लेकिन 40 साल का यह बंदा भी खुशकिस्मत निकला. स्पेन में किसी को ज्यादा से ज्यादा 40 साल जेल की सजा दी जा सकती थी. यह भी खूब रही अब हम आपको एक बहुत ही अजीबो-गरीब सजा के बारे में बताते हैं. वर्ष 2012 में साउथ फ्लोरिडा में एक बंदा अपनी बीबी को जन्मदिन की बधाई देना भूल गया. इसके बाद उसने बीबी को जरा-सा धक्का दे दिया, जिसकी वजह से बीबी ने उसपर घरेलू हिंसा का मुकदमा कर दिया. घटना बहुत छोटी थी, लिहाजा जज ने जज से कहा कि वह अपने हसबेंड से उसे कोई डर नहीं है, लिहाजा जज ने उस बन्दे को यह सजा दी कि वह बीबी को फूल और बर्थडे कार्ड भेंट करे. और हाँ, साथ में केक भी दे और डिनर और bowling पर भी बाहर लेजाये. जज ने उससे मेरिज काउंसलर से भी सलाह लेने को कहा. इन अजीबो गरीब सजाओं को सुनकर आपको मज़ा जरूर आया होगा.