सफलता चाहिए तो बन्धन काट दीजिए


स्टोरी हाइलाइट्स

एक द्वीप में बैठकर मद्यपान करनेवाले दो आदमियों के बारे मे मनोरजक कथा है । आधी रात के लगभग वे लड़खड़ाते हुए If you want success, then cut the bond,

सफलता चाहिए तो बन्धन काट दीजिए....If you want success, cut the bond एक द्वीप में बैठकर मद्यपान करने वाले दो आदमियों के बारे मे मनोरजक कथा है। आधी रात के लगभग वे लड़खड़ाते हुए अपनी छोटी-सी नाव की ओर चले, चप्पू थाम लिए और लगे खेने 1 घंटे के अन्दर उन्हे महाद्वीप पर पहुंच जाना चाहिए था, पर जब पौ फटी तो उस समय भी वे उसी द्वीप से सटे हुए थे और अभी तक नाव खे रहे थे। जिस रस्से के साथ नौका द्वीप से बंधी थी, वे उसे खोलना भूल गए थे। ये खबर भी पढ़े...राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की दृष्टि में सफलता : Success in the eyes of President Abdul Kalam हममे से बहुत से लोग इन दो आदमियों के समान है। हम काम करते हैं, करते ही जाते है, लेकिन हम कहीं पहुचते नही दीखते। हम नशे मे तो नहीं, पर उदासीन ज़रूर होते है। आगे बढ़ने के लिए हम बेतहाशा नाव खेते हैं, पर अपने दोषों और कमियो से बांध रखनेवाली रस्सी खोलना भूल जाते है। कोई आश्चर्य नहीं, हम कुछ भी प्रगति नहीं कर पाते। हम भविष्य के लिए महत्त्वाकांक्षाओ वाली कई योजनाएं बनाते है, लेकिन अपने अतीत की जाच पड़ताल करने से हिचकिचाते है। ये खबर भी पढ़े...सफलता के महत्वपूर्ण सूत्र(Important Formulas for Success) किसी भी बात को करने का एक सकारात्मक ढंग होता है, दूसरा नकारात्मक। जैसे, अब से अधिक धनवान बनने के लिए या तो हमे अपनी आय बढानी होगी अथवा अपना व्यय घटाना होगा इसी प्रकार उत्पादन बढ़ाने के लिए हमें या तो अपने काम के घण्टे बढ़ाने होंगे, या फिर काम मे पड़ने वाले विघ्नो, ढिलाइयों अथवा व्यर्थ के घूम-फेरों को कम करना होगा। अधिक आनन्दमय होने के लिए हमें अधिक मुस्कुराना होगा अथवा त्योरियां कम करनी होगी। किसी भी प्रगति के कार्यक्रम में हमेशा यही अच्छा रहता है। कि पहले वचत-पक्ष की ओर ध्यान दिया जाए। इससे समय और मेहनत की वचत होती है। यदि पीछे से नाव रस्से से बंधी रहे तो उस पर चढ़ने और अपनी पूरी शक्ति से उसे खेने मे तुक ही क्या है? भविष्य की और नाव खेने से पूर्व हमें यह भली भांति देख लेना चाहिए कि कहीं कोई चीज़ हमें अतीत से बांधे हुए तो नहीं है। सुख और सफलता के प्रदेश की ओर यात्रा शुरू करने से पहले हमें अपने दुर्गुणों, कमियों और बेकार के पछतावे को तिलांजलि देनी होगी। आपका जहाज सही-सलामत बन्दरगाह पर पहुंच जाए, इसके लिए हमें परमात्मा को अपना सहचालक मानकर चलना होगा। ये खबर भी पढ़े...सफलता के मूल मंत्र-Fundamentals of Success अपने आसपास निगाह दौड़ाइए। सहयात्रियों के चेहरों पर आपको किस चीज की झलक मिलती है? क्या वे प्रसन्न और उल्लसित दीख पड़ते हैं, या वे शान्त और सन्तुष्ट है? अफसोस! कोई विरला ही ऐसा मिलेगा। बहुत से लोगों के चेहरों पर आप वेचैनी और घोर निराशा के चिह्न देखेंगे और कुछ  की आंखों से तो आप उत्साह के साथ जिन्दगी बिनाने की चमक ही गायब पाएंगे, अथवा वे आखें अपने भ्रम टूटने की दुखद कथा सुनाती जान पढ़ेंगी।  निराशा और हताशा के साथ सफलता नहीं मिलती वो मिलती है विश्वास की चमक से। ये खबर भी पढ़े...  सफलता के रहस्य ….वॉरेन बफेट Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से.