साल 1918 में आज ही दिन साईं बाबा ने ली थी द्वारकामाई में समाधि, जाने इतिहास


स्टोरी हाइलाइट्स

साईं ने अपने जीवनकाल में कई ऐसे चमत्कार दिखाए जिससे लोगों ने इनमें ईश्वर का अंश महसूस किया। इन्हीं चमत्कारों ने साईं को भगवान और ईश्वर का अवतार बना दिया। शिर्डी, साईं बाबा की कर्मस्थली भी है और साईं बाबा ने शिर्डी के द्वारकामाई स्थान  पर देह त्याग किया था। आज से साईं बाबा को समाधि लिए पूरे 102 साल हो गए हैं। 15 अक्टूबर 1918 को दशहरे के दिन दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर साईं बाबा ने द्वारकामाई में समाधि ली थी। मान्यताओं के अनुसार दशहरा के कुछ दिन पहले ही साईं बाबा ने अपने एक भक्त रामचन्द्र पाटिल को विजयादशमी पर 'तात्या' की मौत की बात कही थी। तात्या बैजाबाई के पुत्र थे और बैजाबाई साईं बाबा की परम भक्त थीं। इस कारण तात्या साईं बाबा को 'मामा' कहकर बुलाते थे। इसी कारण साईं बाबा ने तात्या को जीवनदान देने का निर्णय लिया था। Shirdi Saibaba's Name Appears in Ahmednagar Voters' List, Case Registered  Against Miscreant | India.com जब साईं बाबा को लगा कि अब जाने का समय आ गया है, तब उन्होंने श्री वझे को 'रामविजय प्रकरण' (श्री रामविजय कथासार) सुनाने की आज्ञा दी थी। श्री वझे ने एक सप्ताह प्रतिदिन पाठ सुनायाष। जिसके बाद साईं बाबा ने उन्हें आठों प्रहर पाठ करने की आज्ञा दी। श्री वझे ने उस अध्याय की द्घितीय आवृत्ति 3 दिन में पूर्ण कर दी और इस प्रकार 11 दिन बीत गए। फिर 3 दिन और उन्होंने पाठ किया। अब श्री वझे बिल्कुल थक गए थे इसलिए उन्हें विश्राम करने की आज्ञा मांगी। साईं बाबा अब बिल्कुल शांत बैठ गए और आत्मस्थित होकर वह अंतिम क्षण की प्रतीक्षा करने लगे। 27 सितंबर 1918 को साईं बाबा के शरीर का तापमान बढ़ने लगा था। इसके साथ ही उन्होंने अन्न-जल सब कुछ त्याग दिया था। साई बाबा के समाधिस्त होने के कुछ दिन पहले तात्या की तबीयत इतनी बिगड़ी कि जिंदा रहना मुमकिन नहीं लग रहा था लेकिन उसकी जगह साईं बाबा 15 अक्टूबर, 1918 को अपने नश्वर शरीर का त्याग कर ब्रह्मलीन हो गए। महाराष्ट्र के अहमदनगर के मौजूद शिरडी गांव में साईं बाबा ने अपना पूरा जीवन व्यतीत किया। कहा जाता है कि जब वह 16 साल के थे तो यहां पर आ गए थे और समाधि लेने तक यही रहें। साईं बाबा का जन्म कब हुआ इस बारे में अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है। शिरडी में साईं बाबा का भव्य मंदिर बना हुआ है। जहां पर भक्तों की काफी भीड़ होती है।