स्टोरी हाइलाइट्स
वह संकल्प यह था जब भी रामजन्मभूमि_मंदिर निर्माण प्रारम्भ हो जाए उसके बाद हर शहर, फिर हर ज़िले और उसके बाद हर तहसील फिर हर एक गाँव
यह "रामायुध* है ।
जब "हनुमान" जी "लंका" गए तो उन्होंने रामायुध से अंकित "विभीषण" का घर देखा तो वह तुरन्त समझ गए कि यह रामभक्त का घर है। मान्यता है कि यह आयुध सभी प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, भौतिक, दैविक और मानसिक संकटों से हमें बचाता है ।
तो एक संकल्प... जिसे आप सभी लोगों ने पूरा करना है | यह संकल्प गुरूओं ने लिया था जिसे मैं आप लोगों के सामने प्रकट कर रहा हूँ..
वह संकल्प यह था जब भी रामजन्मभूमि_मंदिर निर्माण प्रारम्भ हो जाए उसके बाद हर शहर, फिर हर ज़िले और उसके बाद हर तहसील फिर हर एक गाँव में एक शिलालेख या बोर्ड लगे जिस पर लिखा हो की इस स्थान से रामजन्मभूमि की दूरी कितनी है ।
बोर्ड पर शंख, चक्र, गदा और कमल के फूल का निशान हो या राम सीता का चित्र या मंदिर का ही चित्र ।मुझे यह विश्वास है की गुरूओं की इच्छा का पालन हम राजनीति से उपर उठकर कर पाएँगे । आने वाली पीढ़ी के बच्चे जब दूसरे गाँव में जाएँ तो ऐसा बोर्ड देखें और अपने गाँव के बोर्ड से उसकी तुलना करें तथा रामजन्मभूमि, एक जन चर्चा का विषय बना रहे ।
कोई भक्त यदि यह चारो निशान और जन्मभूमि से दूरी का चित्र अपने घर पर भी लगाए तो इसका स्वागत है ।बहुत सी बातें गुप्त होती हैं , पर रामायुध सभी प्रकार के भौतिक दैविक और मानसिक संकटों को दूर कर देता है ऐसी शास्त्रीय मान्यता है ।
लेखक : राजशेखर तिवारी