दक्षिण दिशा में मकान या भवन में इन बातों का रखें ख़याल: वरना होगी बड़ी हानि


स्टोरी हाइलाइट्स

दक्षिण दिशा पर बने हुये मकान का दक्षिण का भाग ज्यादा खुला है तथा बरामदे बड़े-बड़े बने हुये हैं तो ऐसे मकानों में रहने वाली स्त्रियों की मृत्यु अचानक होती...

दक्षिण दिशा में मकान या भवन में इन बातों का रखें ख़याल:  दक्षिण दिशा पर बने हुये मकान का दक्षिण का भाग ज्यादा खुला है तथा बरामदे बड़े-बड़े बने हुये हैं तो ऐसे मकानों में रहने वाली स्त्रियों की मृत्यु अचानक होती रहती है, धन हानि होती रहती है तथा उनका स्वास्थ्य भी खराब होता रहता है। ये भी पढ़ें..वास्तु टिप्स: घर की तिजोरी इस दिशा में होनी चाहिए दक्षिण भाग में अगर अन्डरग्राउंड वाटर टैंक, कुआं, बोरिंग, टोटी, टंकी हो तो धन का नाश तथा परिवार में अचानक किसी की दुर्घटना से मृत्यु हो सकती है। दक्षिण भाग की चार दीवारी अगर नीची तथा उत्तर की ऊंची हो तो ऐसे मकानों में हमेशा अनर्थ होने के योग बनते हैं। ये भी पढ़ें..भवन निर्माण संबन्धी (वास्तु पद्धति/वास्तु सूत्र से  भवन निर्माण )वास्तु सूत्र दक्षिण दिशा पर बने हुए मकानों के फर्शों का ढलान दक्षिण दिशा की तरफ ही हो तो ऐसे मकान में जान नहीं टिकता तथा ऐसे मकानों में रहने वाली स्त्रियों का स्वास्थ्य कभी ठीक नहीं रहता। ये भी पढ़ें..वास्तु टिप्स : घर में हैं अगर ये 13 चीजें तो कभी नहीं आएगा धन दक्षिण भाग पर बने हुए मकान के दरवाजे अगर अग्नि कोण की तरफ हो तो ऐसे मकानों में अकस्मात् चोरी, आग, दुर्घटना तथा आकस्मिक धन का नाश होता है। तथा अदालती कारवाही ऐसे मकानों में रहने वाले व्यक्तियों के ऊपर होती रहती है। दक्षिण दिशा पर बने हुये मकानों के दरवाजे अगर नैशृत्यमुखी हों तो लम्बी बीमारियां, शत्रुओं से खतरा तथा अचानक मृत्यु होने की घटनाएं ऐसे मकानों में होती रहती हैं। ये भी पढ़ें..आइये जाने वास्तुजन्य दोष और उसके कारण होने वाले  संभावित रोग/बीमारियाँ  दक्षिण दिशा पर बने हुए मकानों के चबूतरों का ढलान अगर दक्षिण की तरफ है तो हमें इसके दोष को दूर करने के लिये उत्तर दिशा के चबूतरों का ढलान ज्यादा लम्बा रखना चाहिये। अन्यथा अधिक खर्चे की संभावना हमेशा बनी रहेगी। दक्षिण भाग में अगर जगह ज्यादा खाली हो तो ऐसे मकानों में आर्थिक हानि, झगड़े तथा स्त्रियों के लिये अशांतिकारक हो जाता है। ये भी पढ़ें.. एक्वेरियम और वास्तु का संबंध