स्टोरी हाइलाइट्स
अच्छी रुचियाँ भी कमजोरी बन जाती हैं.. जाने कैसे?,अपनी अच्छी रुचियों को भी संतुलित रखें.. कहीं ऐसा न हो?
अच्छी रुचियाँ भी कमजोरी बन जाती हैं.. जाने कैसे?
- ईश्वरीय ज्ञान से हमारा सर्वांगीण विकास होता है ।
- जीवन के चार मुख्य घटकों का विकास होता है ।
- ये चार घटक है. स्वास्थ्य, धन, व्यवहार और आध्यात्मिक सम्पन्नता ।
- असलियत में देखा गया है कि इन चारो बातो का जीवन में संतुलन नही होता ।
-संतुलन न होने का कारण है हमारी अच्छी रूचियो का अति होना है ।
जैसे
-हम संगीत सुनते है तो घंटों सुनते रहते है ।
-योग पर पढ़ते है तो घंटों पढ़ते रहते है ।
-मन पसंद व्यक्ति से बाते करते है तो घंटों यों ही बीत जाते है ।
-मन पसंद खाने की वस्तु मिलती है तो हम ओवर ईटिंग कर जाते है ।
-टी वी देखते है तो घंटों देखते रहते है ।
- हालाँकि ये अच्छी रूचियां है, फ़िर भी हमारे विकास में बाधा बन जाती है ।
इस की पहचान यह है कि हमें ग्लानि होती है ।
-ज्यादा समय गप्प मारे तो ग्लानि आएगी क़ि इतना समय नही लगाना चाहिये था । संगीत ज्यादा समय सुनने के बाद आयेगा क़ि इतना समय नही लगाना चाहिये था । इतना ज्यादा समय अमुक कार्य में नही लगाना चहिये था ।
-मन की इस कमजोरी पर विजय प्राप्त करने के लिये मनपसंद कार्य, पदार्थ के लिये समय निश्चित कर दो । सभी ज़रूरी काम हर रोज़ करो । निच्छचित समय से ज्यादा समय न दे ।
-अगर समय पर नियंत्रण न रख पायें तो अलार्म घड़ी का प्रयोग करे । घड़ी आप को मजबूर करती रहेगी कि इस काम को छोड़िये । घड़ी आप को हर पाँच मिनट बाद याद दिलाती रहेगी ।