स्टोरी हाइलाइट्स
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने जब अचानक से खंडवा लोकसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली तो चुनावी उन्माद......
खंडवा की लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव को मजबूत दावेदार माना जा रहा था। 2 दिन पहले तक अरुण यादव खंडवा लोकसभा क्षेत्र से सोशल मीडिया पर सक्रिय थे। लेकिन एक दिन पहले उन्होंने विड्रा कर लिया।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने जब अचानक से खंडवा लोकसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली तो चुनावी उन्माद तेज हो गया। यादव ने इसके पीछे एक पारिवारिक कारण बताया है, लेकिन इस बात पर बहस चल रही है कि क्या उन्हें भाजपा की ओर से कोई प्रस्ताव मिला है। बीजेपी कह रही है कि कमलनाथ और दिग्विजय की जोड़ी अपने बेटे के लिए किसी और को घर नहीं बसने देगी।
कांग्रेस में एक बार फिर उथल-पुथल
सिंधिया के दलबदल से शुरू हुआ सिलसिला अब भी जारी है। ताजा नाम सुलोचना रावत है और अब इसके बाद अरुण यादव हैं। खंडवा सीट से अरुण यादव ने जिस तरह से अपना नाम वापस लिया उससे कई तरह की शंकाओं और चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। यादव कह रहे हैं कि पारिवारिक कारणों से वह यह उपचुनाव नहीं लड़ पाएंगे। लेकिन मामला इतना आसान नहीं लग रहा था।
क्या बीजेपी में शामिल होंगे अरुण?
खंडवा लोकसभा सीट से अरुण यादव के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के बाद से कई सियासी कयास लगाए जा रहे हैं। यह भी पूछा जा रहा है कि क्या अरुण यादव बीजेपी में शामिल होंगे। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा से जब यही सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो कोई भी बीजेपी की विचारधारा को मानने को तैयार है उसका पार्टी में स्वागत है। हालांकि, कांग्रेस ने उनके बयान का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा के पास अपने नेता नहीं हैं और बेहतर होगा कि वह अरुण यादव की चिंता न करें।
कमलनाथ- दिग्विजय का पुत्र मोह
विष्णु दत्त शर्मा ने तो यहां तक कह दिया कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह अपने बेटों को स्थापित करने के लिए खाटी कांग्रेस के नेताओं को दरकिनार कर रहे थे। अरुण यादव ने पारिवारिक कारणों से नहीं बल्कि इन दोनों नेताओं की वजह से अपना दावा वापस लिया है।
क्या हो रहा है
खंडवा लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस ने पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव को प्रबल दावेदार माना था। 2 दिन पहले तक अरुण यादव खंडवा लोकसभा क्षेत्र से सोशल मीडिया पर सक्रिय थे। लेकिन एक दिन पहले जो हुआ उससे यादव ने विड्रा कर लिया। उन्होंने एक ट्वीट में स्पष्ट किया कि वह खंडवा उपचुनाव नहीं लड़ेंगे। यादव ने लिखा कि उन्होंने कमलनाथ और मुकुल वासनिक से मुलाकात के बाद साफ कर दिया था कि वे खंडवा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि, उन्होंने इसके पीछे पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए कहा कि खंडवा से जो भी कांग्रेस का उम्मीदवार होगा, वह उसके काम आयेंगे।