जाने क्या है..... ब्रम्हांड और हमारे सौरमण्डल की जानकारियां


स्टोरी हाइलाइट्स

जब जब किसी ने कुछ नया करने की ठानी है, तो जमाना सबसे पहले उस पर हंसा है। जमाने की हंसी से डरकर अपना फैसला बदलने वाले कभी शिखर पर नहीं पहुंचते हैं।

जाने क्या है, ब्रम्हांड और हमारे सौरमण्डल की जानकारियां'

  जब जब किसी ने कुछ नया करने की ठानी है, तो जमाना सबसे पहले उस पर हंसा है। जमाने की हंसी से डरकर अपना फैसला बदलने वाले कभी शिखर पर नहीं पहुंचते हैं।अत; असफलता से डरने की बजाय जीवन की नई इनिंग की शुरुआत कुछ इस अंदाज में करें Jaise बस यह पल आपके लिए आखिरी पल है. दोबारा यह मौका आपको नहीं मिलेगा। करे नहीं इनिंग की शुरुआत।
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कल नहीं , बल्कि आज से करें शुरुआत। कल करे सो आज कर, आज करे सो अब...... कबीर दास के इस दोहे को गांठ बांधकर अपने दिलों दिमाग में बिठाले. काम को कल पर छोड़ने की गलती करने वाले जीवन में कभी नई शुरुआत नहीं कर पाते . कल किसने देखा है. कल आप कल आप रहे या ना रहे...... यह हालात ऐसे Rahe Na Rahe ..... इसलिए पूरी शिद्दत से जुड़ जाए अपने जीवन को संवारने में. नया करने के लिए किसी शुभ समय या नए साल का इंतजार करने वाले तो बस, बहाना बनाते हैं. जो वाकई बदलाव चाहते हैं, वो किसी शुभ घड़ी का इंतजार नहीं करते.
छोड़ दे अतीत का दामन। सब लोग अपने अतीत को भूल नहीं पाते. अतीत का डर उन्हें बार-बार परेशान करता रहता है। ऐसे लोगों के लिए उस नन्ही सी चिड़िया का उदाहरण देना बहुतबहुत जरूरी, जो इंसान द्वारा अपने जो इंसान द्वारा छुए अपने घोसले को असुरक्षित समझकर उसे छोड़ देती है, और दोबारा वहां बसेरा नहीं करती , लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं की वह जीवन को त्याग देती है या फिरया फिर कोई दूसरा घोंसला नहीं बनाती. वह फिर कोशिश करती है तथा उस जगह से कहीं और दूर अपना बसेरा बनाती है।उसी नन्ही सी चिड़िया की तरह आप भी अतीत की असफलताओं से सबक लेते हुए जीवन की नई इनिंग की शुरूआत करते हैं।

लोगों का काम है कहना । बहुत से लोगों की आदत होती है क्यों खुद से ज्यादा दूसरों के बारे में सोचते हैं , जैसे मैं ऐसा करूंगा , तो लोग क्या सोचेंगे , वह मेरे बारे में क्या सोचेगा , कहीं उसे पीछे रह गया तो .... यदि इस तरह की बेकार | जिंदगी आपकी है, इसे आप जैसा चाहे वैसा जी जी सकते हैं , लोगों के बारे में सोचने के बजाय जीवन में कुछ अलग नया करने का सोचना चाहिए. अपने मन में टारगेट बना लीजिए और उसकी टारगेट ( लक्ष्य )पर अपना काम पूरा कीजिए।

हमेशा प्रयास करते रहे। बल्ब का आविष्कार करने वाले वैज्ञानिक  स्कूल से यह कहकर निकाल दिया गया था कि वह स्कूल में पढ़ने के लायक नहीं है . लेकिन इससे वह निराश नहीं हुए . स्कूल कीस्कूल की पढ़ाई तो उन्होंने छोड़ दी , लेकिन घर पर अपनी मां से शिक्षा लेना जारी रखा . मां के विश्वास और साथ से उन्होंने जीवन की एक नई शुरुआत के लिए कई प्रयास किए , जिसमें अभी सुबह-सुबह उठकर बतावा भी बेचते थे . अपने प्रयासों के बाद तो उन्होंने खुद को साबित कर दिया कि वह क्या कर सकते हैं। आप भी अपनी क्षमता और काबिलियत पर विश्वास रखिए, अपने ऊपर भरोसा रखते हुए इस जीवन को नई दिशा दे सकते हैं।

सुरेश मारोठिया