स्टोरी हाइलाइट्स
दो-चार बूंद ख़ून की तन मे तो छोड़ियेइतना हमे आलाहुजूर मत निचोड़िये।
दो-चार बूंद ख़ून की तन मे तो छोड़िये
इतना हमे आलाहुजूर मत निचोड़िये।
नारियल होता है बड़ा शुभ चढ़ाइये
पर हमारे सिर पे इसे तो न फोड़िये।
छूट जाएँ आपके पीछे सभी अपने
आप आँखें मूँदकर सरपट न दौड़िये।
आदमी हम भी हैं, फटेहाल ही सही
देख हमको नाक-भौं यूँ न सिकोड़िये।
आपके जो भी सियासी जोड़तोड़ हों
जात-पात धर्म मे हमको न तोड़िये।
जिस जगह कोई भी भेदभाव न रहे
हो सके तो मुल्क को उस सिम्त मोड़िये।
आपको सबकी है फिक्र, आप हैं सबके
जाने दें, बेकार की बातें ये छोड़िये।