300 साल जिये बाबा लाल दयाल जी - एक बहुत बड़े योगी | Bawa lal Dayal ji


स्टोरी हाइलाइट्स

जन्म विक्रम संवत १४१२ब्रह्म लीन संवत १७१२कहा जाता है कि इनका शरीर ३०० वर्ष तक कायम रहा | बाबा लालदयाल जी एक बहुत बड़े योगी थे |इनका...... Bawa lal Dayal ji

300 साल जिये बाबा लाल दयाल जी  (Bawa lal Dayal ji)- एक बहुत बड़े योगी जन्म विक्रम संवत १४१२ ब्रह्म लीन संवत १७१२ कहा जाता है कि इनका शरीर ३०० वर्ष तक कायम रहा | बाबा लालदयाल जी एक बहुत बड़े योगी थे | इनका दरबार ध्यानपुर ( जिला गुरुदासपुर , पंजाब ) में है | इनका जन्म कुसूर गाँव के क्षत्रिय वंश में हुआ था | इनके पिता का नाम भोला राम और माता का नाम कृष्णा देवी था | इन्होने १० वर्ष की उम्र तक शास्त्र ज्ञान प्राप्त किया | स्वामी चैतन्य देव इनके गुरु थे जिन्होंने इन्हें कई सिद्धियाँ दीं जैसे कि गुम हो जाना , आकाश में उड़ना वगैरह वगैरह | परन्तु इनका मन इनसे तृप्त नहीं होता था , इन्हें तो सच की खोज थी | यह जानकार इनके गुरूजी ने इन्हें ब्रह्म ज्ञान दिया |ध्यानपुर में इनकी समाधि बनी हुई है | यह कांधार , काबुल ,पेशावर तक अपने ज्ञान का प्रचार करने गए | दाराशिकोह को इनके बारे में पता चला तो वह इनसे मिलने को व्याकुल हो उठा | लाहौर में दोनों के बीच प्रश्नोत्तर हुए जो कि फ़ारसी में लिखे हुए हैं | इनका सरल भाषा में रूपांतरण किया गया है जो कि इस प्रकार है : - १ खुदा का मुल्क कहाँ है ? खुदा का नाम ही खुदा का मुल्क है | २ फ़कीर के घर का चिराग क्या है ? अफताब और चाँद | ३ तारीफ किस व्यक्ति की उचित है ? जिसके कर्म अच्छे हों | ४ फ़कीर के सर पर क्या है ? खुदा का साया | ५ फ़कीर को काहिली किस बात से होती है ? अधिक खाने से | ६ फ़कीर की चुस्ती किसमें है ? अहतियात से खाने में | ७ फ़कीर क्या पीता है ? प्रेम प्याला | ८ नशा कौन सा अच्छा है ? ज्ञान का | ९ क्या दमकशी ( प्राण योग) जायज है ? कलयुग से पहले यह तरीका जायज था | १० क्यूँ ? दमकशी हासिल करने के लिए ३२५ साल तक अभ्यास करना पड़ता है और अब इतनी उम्र ही नहीं होती | ११ दिल -कुशी क्या है ? मन को मारना | १२ क्या यह जायज है ? हाँ | १३ फ़कीर का दुश्मन कौन है ? मन १४ फ़कीर की चालाकी क्या है ? दुनियादारी की सोहबत से बचना | १५ क्या हरेक के साथ नेकी की जाये ? जो मुनासिब हो | १६ दुनिया और दौलत क्या है ? दुनिया खुदी है और दौलत तंदरुस्ती है | १७ भिक्षा के तरीके क्या क्या हैं ? सब्र करना जिसे अजगर वृति कहते हैं | दूसरा भिड़ का तरीका जो कि बाग़ के हर फूल से मिठास चूस लेता है ( भंवर भिक्षा ) | तीसरा जिसमें कोई बिना मांगे कुछ दे | चौथा कि वह खुदा का नाम लेकर लोगों के बीच से निकले | यह सबसे निष्क्रिट तरीका है | इसके आलावा किसी अमीर या राजा से जो मदद मिलती है वह बहुत बुरी है | १८ फ़र्ज़ क्या है ? क़र्ज़ अदा करना | १९ अगर रह जाए तो ? मरने के बाद यह मर्ज़ हो जाता है | २० जब रावण सीता को ले गया तो गुस्से में उन्होंने रावण को क्यूँ नहीं जलाया ? सीता जी में सिर्फ सात्विक अंग था इसलिए गुस्सा उनके पास नहीं फटकता था | २१ हिन्दू लोग तो पढ़ते समय नहीं हिलते फिर फ़ारसी पढने वाले अपने बदन को क्यूँ हिलाते हैं ? हिंदी नाद से पैदा हुई है | फ़ारसी अलिफ़ और बा पढता है और इसे पढने में उसका दम बाहर निकलता है और वह न हिले तो पेट में दर्द पैदा होता है | २२ बुरे कामों में सबसे बुरा कौनसा है ? अहसान बर्बाद करना और बे-वजह किसी का दिल दुखाना | २३ फ़कीर को रंज किस बात का होता है ? लोगों पर अपनी करामात जाहिर होना | २४ फ़कीर को सवाल करना जायज है ? किसी की तकलीफ दूर करने के लिए अगर जरुरत पड़े तो जायज है | २५ फ़कीर का आदि और अंत क्या है ? आदि फ़ना होना है और अंत अजर अमर होना है | कहा जाता है कि कायाकल्प के द्वारा इन्होने अपने शरीर को ३०० वर्षों तक कायम रखा और फिर कार्तिक शुक्ल दशमी को विक्रम संवत १७१२ में यह ध्यानपुर में ब्रह्मलीन हो गए | Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से.