कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुआ “मॉल” कल्चर -सरयुसुत मिश्र


स्टोरी हाइलाइट्स

One of the many lessons that the Corona period has taught the world is that it will be successful only by changing the way of business.

कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुआ “मॉल” कल्चर -सरयुसुत मिश्र कोरोना काल ने दुनिया को जो कई सबक सिखाए हैं उनमें एक सबक  यह भी है कि अब बिज़नेस के तरीके बदलने से ही सफलता मिलेगी| पहले बड़ी-बड़ी दुकान और शो-रूम सफल बिज़नेस के लिए जरूरी होता थे. आज इसके मायने बदल गए| ऑनलाइन मार्केटिंग में मैन मार्केट में दुकान की आवश्यकता नहीं है, ग्राहक को घर बैठे सभी तरह का सामान मिल जाता है. बहुत बड़ी संख्या में लोग आज शहरों में स्थित दुकानों से भी ग्राहक ऑनलाइन सामान मंगाने लगे हैं| कोरोना लॉकडाउन के दौरान घरों से नहीं निकलने के कारण किराना और अन्य जरूरी सामान के लिए शहर की दुकानों से ऑनलाइन सामान मंगाने का प्रयोग ईजाद हुआ और धीरे धीरे अब लोगों को यह भाने लगा है| समय काल परिस्थितियों के अनुरूप बिजनेस के मॉडल और तरीके बदलते रहे हैं| कई बिजनेस ओर प्रोफेशन जो  टॉप पर चल रहे थे,वे टेक्नोलॉजी में बदलाव के कारण आउटडेटेड हो गए| एक दौर था जब संचार के साधन कम थे| संचार के क्षेत्र में उदारीकरण नहीं हुआ था| तब बीएसएनएल द्वारा पीसीओ का कंसेप्ट चलाया गया था| शहर हो या गांव किसी भी तरफ निकल जाइए हर आधा 1 किलोमीटर पर पीसीओ की दुकान मिल जाती थी| आज पीसीओ इतिहास की वस्तु बन गया है| संचार क्रांति के इस दौर में जहां 5G आने वाला है वहां कम्युनिकेशन कितना अधिक फास्ट हो गया है| यह टेक्नोलॉजी और बिजनेस में बदलाव के कारण है| एक दूसरा व्यवसाय जो काफी हद तक प्रभावित हुआ है वह है फोटो स्टूडियो का| हर शहर में बड़ी संख्या में फोटो स्टूडियो की दुकानें होती थी| शादी ब्याह या घर के किसी भी फंक्शन में फोटोग्राफर जरूर होता था| और फिर उन फ़ोटो के प्रिंट और एल्बम बनवाए जाते थे| फोटो स्टूडियो का व्यवसाय एक बड़ा सम्मानजनक और प्रतिष्ठित व्यवसाय था| आज के दौर में देखा जाए तो अब एंड्राइड मोबाइल रखने वाला हर व्यक्ति, फोटोग्राफर बन गया है| मिनटों के अंदर फोटो क्लिक कर  दुनिया में कहीं भी भेजा जा सकता है| शादी ब्याह में भी अब लोग सॉफ्ट एल्बम रखते हैं| अलग फोटो प्रिंट बनना काफी संख्या में कम हो गए| फोटो स्टूडियो की कई दुकानें, नए बिजनेस में चली गई हैं| इस तरह के और कई व्यवसाय हैं जो तकनीकी में बदलाव और समय के साथ पीछे छूट जाते हैं और नए तरीके एवं नए बिजनेस मॉडल प्रभावी हो जाते हैं| ऑनलाइन मार्केटिंग तेजी से बढ़ रही है उसमें बड़ी-बड़ी दुकानों माल के व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं| भले ही इसे हम कोरोना काल का आफ्टर इफेक्ट माने लेकिन यह एक बदलाव का संकेत है| जैसे आज सिनेमाघर में फिल्म देखने बहुत कम संख्या में लोग जाते हैं आगे चलकर कहीं ऐसा ना हो बड़े-बड़े माल दूसरे बिज़नेस माध्यम बने| ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में भी क्रांति हुई है. पहले स्कूटर खरीदने के लिए भी नंबर लगाना पड़ता था. बहुत लम्बे समय के बाद स्कूटर मिल पाता था. आज हर घर में दो-तीन स्कूटर और बाइक मिल जाते हैं. कारों की संख्या भी बेतहाशा बढी है. राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाश में आया है देश के बड़े-बड़े अपना पुराना बिजनेस हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं| माल की दुकानें खाली हो रही हैं| दुकानदार किराया देने की स्थिति में नहीं हैं| कई MALL में प्रमोटर किरायेदारों को किराए से छूट देकर दुकाने बनाए हुए हैं| देश के मुंबई और दिल्ली स्थित बड़े मॉल्स में  सेल्स 25 से 30%  कम रिकॉर्ड की गई है| फोनिक्स और डीएलएफ माल में सेल्स घट रहे हैं| जबकि त्योहारों के सीजन डिस्काउंट देकर ग्राहकों को आकर्षित किया जाता था| यह संकेत बिजनेस मॉडल में बदलाव के दिख रहे हैं| आज किसी भी ग्राहक को कोई ख़ास सामान खरीदना है तो हो सकता है शहर की किसी एक दुकान में वह सामान उपलब्ध हो, लेकिन वही स्पेसिफिक सामान ऑनलाइन मंगाने पर उसके तमाम विकल्प एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध हो जाते हैं, ग्राहक आसानी से उनमें से चुनकर अपना काम पूरा कर लेता है| बड़े-बड़े माल्स का जमाना भी इतिहास बनने की ओर बढ़ रहा है| पीसीओ, सिनेमाघर और अन्य व्यवसाय की तरह  माल्स  का दौर भी चुक सकता है. टेक्नोलॉजी और कोरोना प्रभाव से बचने माल्स कल्चर बड़ी तेजी से प्रभावित होने की संभावना है| भोपाल में बड़ी-बड़ी माल्स हैं| कमोबेश उनकी भी स्थिति ऐसी ही है, ग्राहक कम आ रहे हैं| सेल्स हो नहीं रही है| दुकानों का किराया माफ करना पड़ रहा है|