मालवी पहेलियाँ-6 -दिनेश मालवीय


स्टोरी हाइलाइट्स

मालवी पहेलियाँ-6  -दिनेश मालवीय 1.   बलयो पाणी ने पीये, रस पाणी जी जाय (चिमनी) 2.   पाँच पलई रतन तलई, जो या पारसी नी के विको बाप बलई (हथेली और पाँच उँगलियाँ) 3.   गाय घूमती जाय, ने दूध देती जाय (घट्टी) 4.   एक टेकरी पे टुल्लू मियाँ नाचे (उस्तरा) 5.   बाप बेटे दोई रोटी पकाई तीन, वांटे कतरी कतरी आई (एक-एक, क्योंकि बाप एक और बेटे दो हैं.) 6.   जारे जा बजार म्हारी सूरत को आदमी लाव (दर्पण) 7.   धोरो खेत कारो बीज, वावा वारो गावे गीत (कागज-कलम) 8.   बारा लुगई, घाघरो एक, वीके बाजु-बाजु नाडा (बीड़ी का बण्डल) 9.   होठ कनारे मोर नाचे (नथनी) 10.  सबको ले बाप को नी ले (घूंघट) 11.  बाप बीचे बेटा बीचे, दोई बीचे एक नार (छतरी) 12.  आठ पग में कम्मर का बीच पूंछड़ी (तराजू) 13.  गीला-गीला गोल मटोला, ऊपर हरिया डोरा (खरबूजा) वन माता को बोकड़ो, मगरा pe चरवा जाय (कुल्हाड़ी) 14.  दन चाले रात चाले चाले सवा हाथ (दरवाजा) 15.  तुल ने तुल की चोरी करी, ने कुम्भ लियो चुराय (रावण ने सीता को चुराया) 16.  एक झाड़ी में तीस डाली, आदी सफ़ेद आदी काली (महीने के तीस दिन) 17.  वा गई वा अई (नज़र) 18.  घड़ा न डूबे नीर में पंछी प्यासा जाय (ओस) 19.  लाल घोड़ी घास खाय, पाणी पीवे तो मर जाय (आग) 20.  गई थी मरने अमर हो आयी, बिन पानी के दो फल लाई (लव-कुश) 21.  चोर आवे तो, लई नी सके (विद्या) 22.  होवे ने हरकावे (फाटक द्वार) 23.  वगर कठई को सीरो रान्द्यो जीमे नाजुक नार घड़ा माय (शहद) 24.  गागर में थारे जल भर्यो माथे लागी आग या तो बाजे बाँसुरी लिक्रने लग्या नाग. हुक्का) 25.  वतरावे से बोले नइ जी, मारे से घेंगाय (मृदंग)