ब्रह्मांड के सन्देश: परिवर्तन की आहट: धरती पर होगा बड़ा बदलाव: अतुल विनोद 


स्टोरी हाइलाइट्स

ब्रह्मांड के सन्देश: परिवर्तन की आहट: धरती पर होगा बड़ा बदलाव: अतुल विनोद  समय तेजी से बदल रहा है| टेक्नोलॉजी के मामले में हम अपने चरम ....

ब्रह्मांड के सन्देश: परिवर्तन की आहट: धरती पर होगा बड़ा बदलाव: अतुल विनोद  समय तेजी से बदल रहा है| टेक्नोलॉजी के मामले में हम अपने चरम पर हैं| टेक्नोलॉजी का इससे ज्यादा विस्तार अब मानव जाति के हित में नहीं| अब तो टेक्नोलॉजी को सीमित करके प्रकृति को सहेजने की तरफ आगे बढ़ना है| इसीलिए ब्रह्मांड(Angels, Ascended Masters & Guides) का यह संकेत है कि अब पृथ्वी का समय बदलने की ओर है| ये भी पढ़ें..मायावी ब्रह्मांड में ब्रह्म की पहचान: मानव ने भौतिक और आध्यात्मिक स्तर पर लगभग लगभग सभी बातें जान ली है जो उसे जानना चाहिए| मानव को भौतिक और आध्यात्मिक प्रगति में तालमेल बैठाकर आगे बढ़ना है| यदि वो ऐसा नहीं करता है तो पृथ्वी असंतुलित हो जाएगी| जिसका खामियाजा किसी बड़े झटके के रूप में मानव को झेलना पड़ेगा| पृथ्वी अब मानव से संतुलित जीवन जीने की गुहार कर रही है| अब बहुत हुआ टेक्नोलॉजी का विस्तार इतना ही काफी है| कैसे ग्लोबल वार्मिंग को खत्म किया जाएगा? कैसे पृथ्वी के नैसर्गिक स्वरूप को पुनर्स्थापित किया जाएगा? कैसे धरती को फिर से हरा भरा किया जाएगा? कैसे मानव द्वारा निर्मित प्लास्टिक वेस्ट को नष्ट किया जाएगा? कैसे ओजोन परत को फिर से रिस्टोर किया जाएगा? जो भी नुकसान मानव ने टेक्नोलॉजी के विकास के लिए किए हैं वह सारे नुकसान की क्षतिपूर्ति कैसे होगी? ये भी पढ़ें..मृत्यु लोक में काल की गणना: इस कॉल माया के ब्रह्मांड में युग चार होते हैं तथा चारों युगों की आयु अब टेक्नोलॉजी का विस्तार सिर्फ पृथ्वी के संरक्षण और संवर्धन के लिए ही होना चाहिए| बाकी अन्य क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी के विकास को रोका जाना चाहिए| मानव द्वारा निर्मित टेक्नोलॉजी में सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी है इंटरनेट| इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है| मोबाइल टावर से रेडिएशन फैल रहा है| क्या आपको पता है कि आपके द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला 1 एमबी डाटा 5 ग्राम कार्बन का उत्सर्जन करता है| इसीलिए डाटा को कम से कम करने पर विचार करना पड़ेगा| परमात्मा की सूक्ष्म शक्तियां, जीव-आत्माएं हमे लगातार मॉनिटर कर रही हैं| यदि हम सही दिशा में आगे नहीं बढ़े तो बहुत बड़े बदलाव के लिए मानव को तैयार रहना चाहिए| सूक्ष्म जगत से जो संकेत मिल रहे हैं वह मानव को चेतावनी दे रहे हैं| मानव को बहुत जल्द सुधरने की हिदायत दे रहे हैं| विभिन्न तरह की वायरस जनित बीमारियां भी मानव को सीमित और संकुचित हो जाने को कह रही हैं| मानव को कहा जा रहा है कि वह अपने भौतिक विकास के विस्तार को विराम दें और उसका भौतिक विकास अब सिर्फ पृथ्वी के हित में ही आगे बढ़ना चाहिए| जो नुकसान उसने इस पर्यावरणीय तंत्र को किया है उस नुकसान को उसे खुद ही ठीक करना पड़ेगा| ये भी पढ़ें..यज्ञ:अदिति से अदिति तक.. ब्रह्माँड के रहस्य -70.. विष्वतवृत्त-1 मानव यह सोचता है कि उसे देखने वाला कोई नहीं है| वह मिलने वाले दंड और चोटों को नजरअंदाज कर रहा है| बार-बार प्रकृति उसे अलग-अलग तरह की घटनाओं के जरिए चेतावनी दे रही है| लेकिन अभी भी शासन, प्रशासन में, धर्म समाज में, मन और बुद्धि में यह बात नहीं आ रही कि हम अकेले नहीं है| मानव सिर्फ एकमात्र सत्ता नहीं है| मानव के आसपास अनेक तरह की सूक्ष्म संस्थाएं मौजूद हैं| यह विज्ञान भी साबित करता जा रहा है कि इस ब्रह्मांड का दिखने वाला हिस्सा सिर्फ 4% है और ना दिखने वाला हिस्सा 96 फ़ीसदी| अदृश्य जगत दृश्य भौतिक जगत को लगातार नियंत्रित करता है| वही ग्रेविटेशनल फोर्स का कारण है| वही ग्रह नक्षत्र तारों के सुनियोजित गति और विस्तार का नियंत्रक है| ये भी पढ़ें..ब्रह्माँड के रहस्य – क्या सूर्य काला था जानें सत्य ईश्वर अपने बच्चों को बारूद से खेलते देख निराश है| मनुष्य को बार-बार चेतावनी दी जा रही है कि वह अब प्रकृति से खेलना बंद करे| बारूद के ढेर से वह हट जाए वरना जो विस्फोट होगा उसे झेलना उसके बस में नहीं होगा|  मनुष्य को मनुष्य का शत्रु बनकर रहना छोड़ना पड़ेगा| यह वक्त का तकाजा है| आज की जरूरत है| इस संदेश को बार-बार अपने जहन में डालना पड़ेगा कि अब बहुत हुआ अब भौतिक दौड़ को बंद किया जाए अब अपने वास्तविक जीवन को समझा जाए और अपने मूल जीवन जो जन्म-जन्मांतर से परे है उसके अनुसार जीवन जिया जाए| वास्तव में वक्त है बदलाव का| ये भी पढ़ें.. झूठ बोलने से आत्मा मरती है, ब्रह्माँड के रहस्य -67 देवताओं का संघ -3