मोदक और भगवान गणेश | Modak laddu or Ganesha | क्यों गणेश जी को मोदक प्रिय हैं ?


स्टोरी हाइलाइट्स

भगवान गणेश की मूर्तियों एवं चित्रों में उनके साथ उनका वाहन और उनका प्रिय भोजन मोदक जरूर होता है। शास्त्रों के मुताबिक भगवान गणेश को प्रसन्न करने के.....

मोदक और भगवान गणेश भगवान गणेश की मूर्तियों एवं चित्रों में उनके साथ उनका वाहन और उनका प्रिय भोजन मोदक जरूर होता है। शास्त्रों के मुताबिक भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए सबसे आसान तरीका है मोदक का भोग। गणेश जी का मोदक प्रिय होना भी उनकी बुद्धिमानी का परिचय है। भगवान गणेश को मोदक इसलिए भी पसंद हो सकता है क्योंकि मोदक प्रसन्नता प्रदान करने वाला मिष्टान है। मोदक के शब्दों पर गौर करें तो `मोद` का अर्थ होता है हर्ष यानी खुशी। भगवान गणेश को शास्त्रों में मंगलकारी एवं सदैव प्रसन्न रहने वाला देवता कहा गया है। अर्थात् वह कभी किसी चिंता में नहीं पड़ते। गणपत्यथर्वशीर्ष में लिखा है, "यो मोदकसहस्त्रेण यजति स वांछितफलमवाप्नोति।" इसका अर्थ है जो व्यक्ति गणेश जी को मोदक अर्पित करके प्रसन्न करता है उसे गणपति मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। मोदक का भोग लगाएं जीवन में खुशहाली लाएं। हिन्दू धर्म परंपराओं में बुधवार का दिन सभी सुखों का मूल बुद्धि के दाता और देवता भगवान श्री गणेश की उपासना का दिन है। इसी कड़ी में श्री गणेश को विशेष रूप से मोदक या लड्डू चढ़ाने की भी परंपरा है। शास्त्रों में यह वर्णित है कि भगवान गणेश को बुधवार के दिन 5 या फिर 11 लड्डुओं का भोग लगाने से वह जीवन की समस्त बाधाओं को हर लेते है। इन लड्डुओं का भोग लगाने के साथ ही श्रद्धापूर्वक ऊं गं (गम) गणपतये नम: मंत्र का जितनी बार संभव हो सके जाप करें। बुधवार के स्वामी बुध ग्रह भी है, जो बुद्धि के कारक भी माने जाते हैं। इस तरह बुद्धि प्रधानता वाले दिन पर बुद्धि के दाता श्री गणेश की मोदक का भोग लगाकर पूजा प्रखर बुद्धि व संकल्प के साथ सुख-सफलता व शांति की राह पर आगे बढऩे की प्रेरणा व ऊर्जा से भर देती है।