MP: अब कलेक्टर बिना नीलामी वाली रेतखदानों को 30 दिन के लिए ठेके पर दे सकेंगे..


स्टोरी हाइलाइट्स

Now in the districts of the state in which the sand mines have not been auctioned, the collectors will be able to give the mines on contract for 30 days.

MP: अब कलेक्टर बिना नीलामी वाली रेतखदानों को 30 दिन के लिए ठेके पर दे सकेंगे.. डॉ.नवीन जोशी  भोपाल: अब प्रदेश के ऐसे जिले जिनमें रेत खदानों की नीलामी नहीं हो सकी है एवं वहा पर रेत पड़ी हैं, तो कलेक्टर खदानों को 30 दिनों के लिये ठेके पर दे सकेंगे. यह ठेका केंद्र या राज्य सरकार एवं उसके उपक्रमों एवं स्थानीय निकायों को निर्माण आवश्यक्ताओं के लिये उसके प्राधिकृत अधिकारी या प्राधिकृत ठेकेदार को दिया जा सकेगा. इस अनुमति में उत्खन्न करने, हटाने तथा परिवहन का भी अधिकार रहेगा. यह नया प्रावधान शिवराज सरकार ने मप्र रेत खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार नियम 2019 में संशोधन कर किया है. ये किये नये प्रावधान : नियमों में नीलामी वाली रेत खदानें तीन साल के लिये देने का उपबंध है. इस तीन साल की गणना पहले अनुबंध दिनांक से होती थी जिसके कारण ठेकेदार रेत खनन के लिये माईनिंग प्लान एवं पर्यावरण स्वीकृति लेने में तेजी नहीं दिखाते थे. इसीलिये अब आशय पत्र जारी होने की तिथि से ठेका अवधि की गणना करने का प्रावधान कर दिया गया है. जिससे ठेकेदार माईनिंग प्लान एवं पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने में तेजी दिखायें. यह भी नया प्रावधान कर दिया गया है कि अब पर्यावरण स्वीकृति मिलने पर ठेकेदार को सात दिन के अंदर जिला समूह के अनुबंध के लिये आवेदन करना होगा या अनुबंध करने की सूचना मिलने के पांच दिन के अंदर अनुबंध करना होगा अन्यथा उसकी सुरक्षा निधि राजसात कर ली जीयेगी. इसी प्रकार पहले प्रावधान था कि व्यवसायिक प्रयोजन के लिये रेत खनिज का भण्डारण किये जाने की अनुज्ञा नीलामी स्वीकृत वाले ठेकेदार को खदान के दो कि.मी. से परे किन्तु 5 किमी की सीमा के भीतर प्रदान की जायेगी. परन्तु अब इसमें बदलाव कर प्रावधान कर दिया गया है कि रेत खदान के 5 किमी से परे परन्तु 8 किमी की सीमा के भीतर भण्डारण की अनुज्ञा दी जा सकेगी.