मध्यप्रदेश में बिजली संकट गहराने के आसार बढ़े


स्टोरी हाइलाइट्स

मध्यप्रदेश में बिजली संकट गहराने के आसार बढ़े गणेश पांडेय 4 बिजली घरों में 48 हजार मीट्रिक टन की रोजाना खपत, स्टाक 4 लाख 82 हजार मीट्रिक टन भोपाल. मप्र के 4 पावर प्लांटों को बिजली बनाने में रोजाना 48 हजार मीट्रिक टन कोयले की जरुरत है। स्टाक महज 4 लाख 82 हजार मीट्रिक टन होने से बिजली संकट गहराने के आसार नजर आने लगे हैं।जेनको में कोयला संकट गहराने की वजह खदानों का 700 करोड़ बकाया हैl मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के चारों बिजली घरों में कुल भंडारण 4 लाख 82 हजार मीट्रिक टन है। जबकि रोजाना खपत 48 हजार मीट्रिक टन के आसपास है। ऐसे में मौजूदा स्टॉक सिर्फ दस दिन बिजली उत्पादन में ही सहायक है। वहीं क्रिटिकल कोल स्टॉक के चलते सतपुड़ा थर्मल पॉवर प्लांट की 410 मेगावाट क्षमता की 6 व 7 नंबर इकाई को बंद कर दिया गया है। यही स्थिति रही तो प्रदेश के अन्य बिजली घरों की इकाइयों को भी बंद करना पड़ सकता है।सूत्र बताते हैं कि भंडारण इतना कम हो गया था कि श्रीसिंगाजी पॉवर प्लांट खंडवा को आपूर्ति होने वाले कोयले की 15 रैक सारनी डायवर्ट की गई। इसके बावजूद भंडारण बढ़कर 1 लाख 28 हजार मीट्रिक टन पर पहुंचा है। *सिंगाजी पॉवर प्लांट में भी भंडारण लडख़ड़ा* सिंगाजी प्लांट का कोयला सारनी डायवर्ट होने से सिंगाजी पॉवर प्लांट में भी भंडारण लडख़ड़ा गया। यहां मौजूदा स्थिति में 1 लाख 48 हजार मीट्रिक टन ही भंडारण है। बताया जाता है कि श्रीसिंगाजी पॉवर प्लांट खंडवा और सतपुड़ा पॉवर प्लांट सारनी पर डब्ल्यूसीएल का 700 करोड़ रुपए भुगतान बकाया होना भी चुनोती बना हुआ है। हालांकि इस विषय में मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अफसर खुलकर नहीं कह पा रहे। *बिरसिंहपुर प्लांट की स्थिति भी नाजुक* ऐसी ही स्थिति बिरसिंहपुर प्लांट की भी है। यहां सर्वाधिक 1 लाख 57 हजार मीट्रिक टन कोयला है। जबकि अमरकंटक में 49 हजार मीट्रिक टन कोल स्टॉक है। 5400 मेगावाट क्षमता के बिजली घरों में कोयला संकट गहराने से मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के आलाअफसरों की मुश्किलें भी बढ़ती नजर आ रही है। फिलहाल मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के चारों बिजली घरों से 3 हजार मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन हो रहा है। जो कि क्षमता से करीब 2400 मेगावाट कम है। *प्रदेश की 16 में से 6 इकाइयां बंद* प्रदेश के चारों बिजली घरों में 16 इकाइयां है। इसमें से 6 इकाइयां बंद है। जिसमें सतपुड़ा की 830 मेगावाट क्षमता की 4 और सिंगाजी पॉवर प्लांट की 1320 मेगावाट की 2 इकाइयां शामिल है। सतपुड़ा ताप गृह की 200 व 210 मेगावाट की 6 व 7 नंबर इकाई 10 मार्च से बंद है। 210 मेगावाट की 8 नंबर इकाई 29 और इतनी ही क्षमता की 9 नंबर इकाई 22 फरवरी 2020 से बंद है। श्रीसिंगाजी पॉवर प्लांट खंडवा की 660 मेगावाट की 3 नंबर इकाई 5 अगस्त 2020 और इतनी ही क्षमता की 4 नंबर इकाई 22 सितंबर 2020 से बंद है। इन 6 इकाइयों के लगातार बंद रहने से मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी का बिजली उत्पदन प्रभावित होने के साथ-साथ कंपनी को खासा नुकसान भी हुआ है। प्रदेश के बिजली घरों पर एक नजर - पॉवर प्लांट - क्षमता - उत्पादन - कोल स्टॉक सतपुड़ा - 1330 - 493 - 1,28,000 अमरकंटक- 210 - 213 - 49,000 बिरसिंहपुर - 1340 - 1190 - 1,57,000 श्रीसिंगाजी - 2520 - 902 - 1,48,000 (नोट :- बिजली उत्पादन और क्षमता मेगावाट व कोल स्टॉक मीट्रिक टन में हैं।) इनका कहना है... मांग के अनुरुप कोयला नहीं मिल पा रहा है, दो इकाइयों को क्रिटिकल कोल की वजह बंद करना पड़ा है। एनसीएल से खंडवा को आपूर्ति होने वाली 15 रैक सारनी डायवर्ट एफबी की है। कोल कंपनी को खंडवा और सारनी का करीब 700 करोड़ रुपए भुगतान करना शेष है। *एस चौहान मुख्य अभियंता सतपुड़ा बिजली घर सारनी*