MP: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर तैयार यूनिफार्म, धूल खाती आई नज़र..


स्टोरी हाइलाइट्स

भोपाल:  प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए यूनिफार्म योजना अब सिर्फ नाम की रह गई है। हालात यह है कि विद्यार्थियों के लिए करोड़ों रुपए

MP: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर तैयार यूनिफार्म, धूल खाती आई नज़र.. भोपाल: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए यूनिफार्म योजना अब सिर्फ नाम की रह गई है। हालात यह है कि विद्यार्थियों के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर तैयार की गई यूनिफार्म सत्र बीतने के बाद भी अब तक बच्चों के पास नहीं पहुंच सकी है। 87 प्रतिशत यूनिफॉर्म अब भी सिलाई केंद्रों पर पड़ी धूल खा रही हैं। मात्र 13 प्रतिशत छात्र छात्राओं को ही यूनिफॉर्म का वितरण हो सका है। यह खुलासा मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने यूनिफॉर्म के लिए राज्य शिक्षा केंद्र (आरएसके) को लिखे गए पत्र से हुआ है। इस पत्र के अनुसार स्वसहायता समूह के पास यूनिफॉर्म तैयार हैं, लेकिन विद्यालय स्तर पर शाला प्राचार्य के द्वारा यूनिफॉर्म नहीं ली जा रही हैं। गौर करने वाली बात यह है कि छात्र छात्राओं को यह यूनिफॉर्म चालू सत्र 2020.21 के लिए दी जा रही हैं। नए सत्र के लिए अलग से यूनिफॉर्म दी जाएंगी। इसके लिए स्वसहायता समूहों को ऑर्डर दिया जा चुका है। बता दें कि प्रदेश के करीब 1 लाख 13 हजार स्कूलों में पड़ने वाले छात्र छात्राओं की यूनिफॉर्म के लिए 600 रुपए प्रति विद्यार्थी के हिसाब से 510 करोड़ का बजट तय किया गया था। इन स्कूलों के कक्षा 1 से आठवीं से तक पढ़ने वाले करीब 80 लाख विद्यार्थी को स्टैंडर्ड साइज की दो जोड़ी यूनिफॉर्म दी जाना है। जवाहर स्कूल ने 10 फीसदी से अधिक फीस बढ़ाई, अब होगी कारवाई राजधानी के भेल क्षेत्र स्थित अशासकीय जवाहरलाल नेहरू स्कूल द्वारा मनमाने तरीके से 10 फीसदी से अधिक फीस बढोत्तरी की गई है। जिसके बाद अब स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने संस्था के विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। संस्था को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर 6 जुलाई 2021 तक स्पष्टीकरण मांगा गया है। लिखित प्रतिवाद निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत ना करने की स्थिति में एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए जवाहरलाल नेहरू स्कूल की मान्यता समाप्ती की कारवाई की जाएगी। इसके साथ ही सीबीएसई संबद्धता समाप्त किए जाने और सीबीएसई मान्यता के लिए जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र को वापस लिए जाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाएगा। दरअसल, राज्य मंत्री परमार ने अभिभावकों और पालकों से स्कूलों द्वारा नियम विरुद्ध फीस वृद्धि किये जाने संबंधी शिकायतें प्राप्त होने पर स्कूल शिक्षा विभाग को जाँच के निर्देश दिए थे। मंत्री परमार के निर्देश के बाद अशासकीय जवाहरलाल नेहरू स्कूल के विरुद्ध जाँच प्रतिवेदन संयुक्त संचालक लोक शिक्षण ने प्रस्तुत किया है। जाँच में प्रतिवेदित किया गया है कि जवाहरलाल नेहरू स्कूल ने गत वर्ष की फीस की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है जो मध्य प्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमनद्ध अधिनियम 2017 के नियम एवं निदेशों का उल्लंघन है। शिकायत की जांच में जवाहरलाल नेहरू स्कूल को दोषी पाया गया है।