स्टोरी हाइलाइट्स
नानक नाम मंत्र है जो बोले सो निहाल और जो 'बो' ले वो भी निहाल। बोले और 'बो' ले लगभग एक से उच्चारण वाले इस वाक्य में ऊपरी भेद है परंतु हैं परस्पर पूरक। 'बो' ले अर्थात् बीज ले, जैसे किसान खेत में अन्न का एक दाना बीजता है और उससे उगने वाली बाली पर सौ-सौ दाने खिलते हैं और फिर वो सौ दाने अगले मौसम में हजारों व समय पा कर लाखों दानों में बदल जाते हैं। एक समय ऐसा भी आता है जब उसी दाने के वंशज अन्न भंडार बन संपूर्ण जीवजगत का भरण पोषण करते हैं।