खाड़ी देश कुवैत के आने वाले नए कानून से होगा भारी नुकसान, करीब 40 फीसदी प्रवासियों को करेगी बेदखल 


स्टोरी हाइलाइट्स

खाड़ी देश कुवैत के आने वाले नए कानून से होगा भारी नुकसान, करीब 40 फीसदी प्रवासियों को करेगी बेदखल  Indian In Kuwait | Kuwait Expat Bill News Updates; Know What ... कोरोना वायरस संकट के बीच हमारे देश की कई कम्पनयों ने अपने इधर के काम करने वालों को निकल दिया | इसी के कारण देश में बहुत से लोग बेरोजगार हो गए हैं और कई होने वाले हैं | इसी के बीच हमारे पडोसी देशों मैं से    कुवैत एक ऐसा कानून लागू करने जा रहा है जिससे वहां काम कर रहे भारतीयों पर बुरा असर पड़ेगा। कुवैत की नेशनल एसेंबली की कानूनी और विधायी समिति ने प्रवासी कोटा बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी है | जिससे वहां पर रहने वाले 40 फीसदी  लगभग 8 लाख भारतीय कामगारों को कुवैत छोड़ना पड़ सकता है। नेशनल एसेंबली की कानूनी और विधायी समिति ने  (Expat Quota Bill) तय किया है कि प्रवासी कोटा बिल का मसौदा संवैधानिक है। इस बिल के मुताबिक, प्रवासी भारतीयों  (Indians) की संख्या कुवैत की आबादी के 15 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अभी इस बिल को इससे जुडी समिति के पास भेजा जाएगा और वह इस पर विचार करके फेसला लेंगे । अगर बिल पास हो जाता है तो करीब 40 फीसदी (8 लाख भारतीयों) को कुवैत छोड़ना पड़ सकता है। एक अनुमान के मुताबिक भारतीय समुदाय की 80 लाख से ज्यादा की जनता खाड़ी देशों में हैं | इतनी बड़ी जन संख्या में इस क्षेत्र में बसे भारतीयों के कारण भारत के इन खाड़ी देशों से रिश्ते मजबूत रहे हैं और समय के साथ मज़बूत होते गए हैं। प्रवासी भारतीयों की खाड़ी में इतनी तादाद को भारत की राजनीती में तो जगह हासिल है ही, भारत की विदेश नीति में भी इन प्रवासियों को मुख्या रूप से देखा जाता है | हालांकि 1950 और 1960 के दशक में ऐसा नहीं था, लेकिन 1970 के दशक से बदलाव शुरू हुआ | अब तो भारत नीतिगत तौर पर अपने मूल के लोगों के प्रवासियों को लेकर एक्टिव रहता है | इन प्रवासी भारतीयों को भारत में वोट करने का अधिकार भी दिए जा चुके हैं | वोट देने का अधिकार के कारण ये समुदाय हमरे देश की राजनीती मैं भी योगदान देता है | इसका सबसे बड़ा कारण इस समुदाय से जुड़ी भारी अर्थव्यवस्था है। हमें पता है की किसी भी विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था में विदेशी मुद्रा का काफी महत्व है क्योंकि इससे जीडीपी विकास दर सीधे तौर पर जुड़ी हुई है | पिछले साल देखा जाये तो दुनिया के जिस देश को विदेशों से भेजा गया धन सबसे ज्यादा  मिला (79 अरब डॉलर)  वह भारत देश है | खाड़ी देशों से भारत को कितनी विदेशी मुद्रा मिली- सऊदी अरब से 12 अरब डॉलर, कुवैत से 4.6, कतर से 4.1, ओमान से 3.3 और यूएई से 13.8 अरब डॉलर भारत भेजे गए थे | यह बिल कुवैत में रहने वाले दुनिया के अन्य देशों के प्रवासियों के उपर भी असर करेगा | इस बिल के मुताबिक मिस्त्र के प्रवासियों की जनसँख्या कुल जनसँख्या का 10% करने का फेसला लिया है | प्रबस के लकी य कुल जनसंख्या का 10 फीसदी तय करने का फैसला किया गया है। भारत के बाद कुवैत में सबसे बड़ी संख्या मिस्त्र के लोगों की ही है। कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद कुवैत में प्रवासियों के खिलाफ माहौल बन रहा है। यही वजह है कि कुवैत सरकार ने देश में रहने वाले प्रवासियों की संख्या कम करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि कुवैत में प्रवासियों की इतनी ज्यादा है की उधर के रहने वाले मूल निवासी भी अल्पसंख्यक हो गए हैं।