पिछले 75 वर्षों में देश ने नहीं की अपेक्षित प्रगति, चुना हुआ रास्ता सही नहीं: मोहन भागवत


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स्टोरी हाइलाइट्स

मोहन भागवत ने कहा, पिछले 75 वर्षों में देश ने अपेक्षित प्रगति नहीं की, क्योंकि हमने जो प्रगति का रास्ता चुना है वह सही नहीं था, भागवत ने कहा, हमारा एक आदर्श है, दुनिया को शिक्षित करना, जीतना नहीं..

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर देश की तरक्की कों लेकर बयान दिया है. मोहन भागवत ने कहा, पिछले 75 वर्षों में देश ने अपेक्षित प्रगति नहीं की है, क्योंकि हमने जो प्रगति का रास्ता चुना वह सही नहीं था, वह दिल्ली में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.

भारत के लोग प्राचीन काल से ही इस भूमि को अपनी मातृभूमि मानते आए हैं. अगर हम ऐसा करते रहे और मिलकर काम करते रहे तो भारत की प्रगति को कोई नहीं रोक सकता. भागवत ने कहा, हमारा एक आदर्श है, दुनिया को शिक्षित करना, जीतना नहीं .

चुनावी टिकट के लिए न करें सामाजिक कार्य :

उन्होंने कहा, "समाज सेवा केवल चुनाव टिकट की सेवा नहीं है, बल्कि निस्वार्थ सेवा ही वास्तविक सेवा है, इसलिए हमें केवल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सेवा नहीं करनी चाहिए. भागवत ने कहा " लोगों को सिर्फ जय श्री राम नहीं कहना चाहिए, बल्कि भगवान राम की तरह बनने की कोशिश करनी चाहिए. 

हमारी संस्कृति में है अंतर्निहित ताकत :

हमारी संस्कृति में एक अंतर्निहित ताकत है. इसलिए हम बच गए हैं. यह 3000 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में 130 करोड़ लोगों का देश हैं. मोहन भागवत ने कहा कि प्राचीन ग्रीस और रोम की संस्कृतियां नष्ट हो गईं, लेकिन भारतीय संस्कृति बची रही. इस बीच, हम किसी को परिवर्तित नहीं करना चाहते, हम उन्हें जीना सिखाना चाहते हैं. हम पूरी दुनिया को सिखाना चाहते हैं कि हम भारत में पैदा हुए हैं और हमारा पंथ बिना किसी की पूजा-पद्धति को बदले एक अच्छा इंसान बना सकता है. अगर भारत को विश्व नेता बनना है तो उसे सभी के साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा. भागवत ने इससे एक दिन पहले कहा था, "हम भारत को और अधिक समृद्ध बनाना चाहते हैं."